सावन महीने में इंदौर-उज्जैन रोड पर बढ़ रहा यह खतरा, संभलकर जहां महांकाल के दर्शन करने
इंदौरPublished: Jul 20, 2019 01:29:29 pm
इंदौर-उज्जैन मार्ग पर डकैती, पार्टी में शामिल होकर उज्जैन लौट रहे व्यवसाइयों की टीम पर हमला, पंचर कार दौड़ाकर बचाई जान, घटना दबाने में लगी रही पुलिस, 18 की रात घाटाबिल्लोद में भी इसी तरह हुई वारदात
सावन महीने में इंदौर-उज्जैन रोड पर बढ़ रहा यह खतरा, संभलकर जहां महांकाल के दर्शन करने
इंदौर. पार्टी में शामिल होने के बाद 13-14 जुलाई की दरमियानी रात करीब सवा बजे उज्जैन लौट रहे व्यवसाइयों की कार पंचर करने के बाद डकैतों ने हमला कर दिया। कार पंचर होने से पुरुष बाहर आए तो मुंह पर गमछा बांधे बदमाश उन पर टूट पड़े। हाथ में डंडा, हथौड़ी, पत्थर लेकर आए बदमाशों ने अचानक हमला कर दिया। पंचर कार में महिलाएं व बच्चे थे, ड्राइवर ने पंचर कार वहां से दौड़ा दी। दूसरी कार में बैठी महिलाओं व बच्चों तक पहुंचने के लिए बदमाशों ने हथौड़े से कांच तोड़े तो अंदर बैठी महिला ने साहस दिखाते हुए गाड़ी का ड्राइविंग सीट संभाली और गाड़ी दौड़ाकर खुद को बचाया।
ऐसी ही एक घटना 18 जुलाई की रात बेटमा इलाके के घाटा बिल्लोद में हुई। गुजरात से महांकाल की भस्मारती में शामिल होने जा रहे गुजरात के व्यापारियों की कार को पंचर करने के बाद उनके साथ भी इसी तरह लूटपाट की घटना हुई। हालांकि व्यापारियों ने हाथ जोड़े तो उनके साथ बदमाशों ने मारपीट नहीं की।
घटना 13-14 जुलाई की दरमियानी रात की है लेकिन आज भी दृश्य को याद कर उज्जैन निवासी कंस्ट्रक्शन व्यवसायी नव्या जिंदल व उनकी पत्नी श्रुति अब सभी सिहर उठते है। बच्चें तो काफी डर गए है। नव्या व श्रुति का लगातार इंदौर आना जाना रहता है। उनकी करीब साढ़े 3 साल की बेटी इश्विता को ङ्क्षदौर के स्कूल में एडमिशन हुआ है जिसके कारण वे साकेत नगर में रहते है जबकि मूल निवास उज्जैन में है। श्रुति के मुताबिक, 13 जुलाई को होटल सयाजी में एक पार्टी थी। इसमें शामिल होने के लिए वे अपनी साढ़े 3 साल व डेढ़ महीने की बच्चियों को लेकर इंदौर आए थे। रात करीब 1 बजे वे पार्टी से घर जाने के लिए निकले। साथ में अलग कारों में उज्जैन के व्यवसायी अखिलेश लड्ढा, उनकी पत्नी व बच्चे, संकेत अग्रवाल, विशाल चावला व उनका परिवार भी था। रामा फास्फेट फैक्टरी के आगे अखिलेश की कार पंचर हो गई जिससे उनके पीछे आ रहे विशाल चावला भी रुक गए। नव्या की कार थोड़ा आगे निकल गई थी, गाड़ी पंचर होने पर वे आगे से गाड़ी मोड़कर वापस आए। श्रुति के मुताबिक, वे अपनी गाड़ी से बाहर आकर साथियों से बात करने लगे, ड्राइवर पंचर टायर बदलने के लिए डिक्की से उपकरण निकालने लगा। इस बीच डिवाइडर फांदकर 12 से 15 युवकों का दल उनकी ओर आया। पहला लगा कि वे सहयोग के लिए आ रहे है लेकिन पास आए तो पता चला कि वे डकैत है। उनके हाथ में टार्च, डंडे, हथैड़ी, पत्थर आदि हथियार थे। आते ही उन्होंने नव्या अखिलेश, संकेत पर हमला कर दिया। अचानक हमले से वे लोग सड़क किनारे गिर गए। पंचर कार में महिला, ढ़ाई साल का बच्चा व अन्य लोग थे। अचानक हमला होने पर ड्राइवर ने समझदारी दिखाई और गाड़ी स्टार्टट कर पंचर कार को ही वहां से भगा लिया। नव्या के गिरने पर एक बदमाश ने उसके सिर पर देशी कट्टा अड़ा दिया और कट्टे की बट से हाथ में मारा। नव्या, संकेत, अखिलेश के पास जितना नकदी था वह छीन लिया। हाथ घड़ी, अंगूठी चैन छीन लिए। वे लोग बदमाशों से कह रहे थे कि मारों मत जो चाहिए ले लो लेकिन आरोपी फिर भी हमला कर रहे थे।
100 डॉयल पर फोन किया तो सवाल पूछा गया, कौन से थाना लगता है
श्रुति के मुताबिक, वे बच्चों के साथ गाड़ी में थी। उनकी साथ एक अन्य महिला व एक महिला कर्मचारी भी थी। उनके सामने हमला हुआ तो 100 नंबर पर डॉयल किया। पहले प्रक्रिया चलती रही और जब ऑपरेटर ने फोन उठाया तो पूछन ेलगा कि जहां घटना हुई वहां कौन सेे थाना लगता है। रात में कुछ समझ नहीं आ रहा था, इस सवाल पर चिढ़ आई और फोन काट दिया। पुरुषों को लहुलुहान करने के बाद बदमाश कार की ओर बढ़े तो वह घबरा गई। कार को अंदर लॉक कर दिया। बदमाश गेट नहीं खोल पाए तो हथौड़ा मारकर कांच फोड़े। श्रुति को लगा कि अब बचना मुश्किल है तो उन्होंने बच्चों को पीछे बैठाया और ड्राइविंग सीट पर आकर गाड़ी भगा दी। बाद में नव्या व साथी भी बदमाशों से बचकर आए और वहां से आगे एक ढाबे पर जाकर गाड़ी रोकी। करीब 7-8 मिनट तक बदमाशों ने टांडव किया, लगा कि वे किसी को जिंदा नहीं छोड़ेंगे, वे कैसे बच गए अब तक विश्वास नहीं हो रहा।
लोग निकलते रहे लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया
इंदौर सांवेर रोड पर 24 घंटे वाहन चलते रहते है। श्रुति के मुताबिक, घटना हुई तो वहां से ट्रक, बस, कार व दो पहिया वाहन निकलते रहे। वे पिट रहे थे, शोर मचा रहा थे लेकिन किसी ने मदद नहीं की, पुलिस को सूचना देने अथवा कोई मदद लाने में भी किसी ने रुचि नहीं दिखाई।
सांवेर रोड पर हुई लूट की तरह 18 जुलाई की रात घाटाबिल्लोद ब्रिज पर लूट की वारदात हुई। सावन महीने में उज्जैन महांकाल मंदिर में दर्शन करने वालों की संख्या बढ़ गई है, लगातार आवाजी के बाद भी सांवेर रोड के बाद बेटमा में हुई लूट ने पुलिस व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
बेटमा पुलिस के मुताबिक, गुजरात के व्यापारी चेतन व्यास व साथियों के साथ लूट की घटना हुई। गुजरात के व्यापारी रात में महांकाल मंदिर की भस्मारती में शामिल होने के लिए कार से जा रहे थे। घाटाबिल्लोद पुल पर उनकी कार पंचर हो गई। जब वे टायर बदलने उतरे तो उस दौरान बदमाशों ने धावा बोल दिया। व्यापारियों ने बदमाशों से कहा कि वे नकदी ले जाए लेकिन मारे नहीं, हम भस्मारती में जा रहे है। इस पर बदमाशों ने मारा नहीं और करीब 50 हजार से ज्यादा का नकदी, जेवर लूटकर भाग गए। इस घटना से साफ है कि कोई बड़ी गैंग इस इलाके में आ गई है और रात के समय लूटपाट कर रही है। सांवेर रोड पर भी 13-14 जुलाई की रात घटना हुई थी लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई तो अब बदमाश घाटा बिल्लोद में वारदात कर भाग गए।