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5 दिन से खाली कुर्सी, परीक्षा विभाग निभा रहा कुलपति की भूमिका

locationइंदौरPublished: Jun 29, 2019 06:08:27 pm

परीक्षा से एक दिन पहले तक हजार रुपए लेट फीस लेकर जमा करवा रहे फॉर्म

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5 दिन से खाली कुर्सी, परीक्षा विभाग निभा रहा कुलपति की भूमिका

इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में धारा 52 लगने के बाद दिनों दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। न कोई प्रशासनिक फैसले हो पा रहे है और न जरूरी काम। हर दिन पेंडिंग फाइलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कई बैठकें स्थगित कर दी गईं। इस बीच उन छात्रों के सामने समस्या खड़ी हो गई, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक परीक्षा फॉर्म जमा नहीं कराएं। नियमानुसार परीक्षा से दो दिन पहले तक कुलपति ही अनुमति दे सकते हैं। अब परीक्षा विभाग ऐसे छात्र-छात्राओं को अपने स्तर पर अनुमति दे रहा है।

सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाओं के लिए 15 दिन से दो महीने पहले तक फॉर्म जमा कराए जाते हैं। सामान्य तौर पर परीक्षा से पांच दिन पहले तक परीक्षा फॉर्म जमा करने के लिए सौ रुपए लेट फीस है। इसके बाद सिर्फ कुलपति की अनुमति से ही परीक्षा फॉर्म जमा किए जा सकते हैं। इस सप्ताह यूनिवर्सिटी की कई परीक्षाओं के फॉर्म जमा हो रहे हैं। धारा- 52 लगने के बाद से नए कुलपति के नाम की घोषणा का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
आधा दर्जन नामों पर मशक्कत
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के नए कुलपति की घोषणा शुक्रवार को भी नहीं हो सकी। उम्मीद जताई जा रही थी कि कुलाधिपति के भोपाल लौटने के तुरंत बाद नया कुलपति मिल जाएगा। सूत्रों के अनुसार आधा दर्जन नामों को लेकर विचार-विमर्श चलता रहा। इनमें से किसी एक को डीएवीवी की जिम्मेदारी मिल सकती है। आमतौर पर धारा 52 के आदेश के साथ ही नए कुलपति के आदेश भी जारी होते हैं। सूत्रों के अनुसार डीएवीवी में सीईटी के बाद उपजे हालात के बाद शासन ने ताबड़तोड़ धारा 52 की फाइल निकाल ली। तब तक नए कुलपति के नाम पर विचार ही नहीं हो पाया था। सूत्रों के अनुसार तीन नाम की पैनल तैयार की गई थी जिसे मुख्यमंत्री ने ही नकार दिया।

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