1 अगस्त से परिवहन विभाग ने एनआइसी के वाहन पोर्टल 4 पर वाहनों का रजिस्ट्रेशन का अधिकार सीधे वाहन डीलरों को दे दिया है। वाहन डीलर अब वाहनों की बिक्री के साथ ही नंबर अलॉट तक कर रहे हैं। पोर्टल पर शुरुआत से ही कई दिक्कतें सामने आने लगीं, जिनमें मुख्य रूप से बीमा और आधार कार्ड अपडेट नहीं होना थी। अब इन परेशानियों का धीरे-धीरे समाधान हो रहा है, जिसके चलते वाहन रजिस्टर्ड होना शुरू हो रहे हैं। हालांकि अभी भी कई डीलर ऐसे भी हैं, जहां अभी भी तकनीकी परेशानी के चलते वाहन रजिस्टर्ड नहीं हो पा रहे हैं। विभाग इनकी परेशानियों को दूर करने में जुटा हुआ है।
पहले हर दिन 400 वाहनों का पंजीयन जानकारों का कहना है कि पहले कार्यालय में हर दिन चार पहिया और दुपहिया वाहन मिलाकर हर दिन करीब 400 वाहन रजिस्टर्ड होते थे, जिनमें 300 से 350 के बीच दुपहिया और 70 -80 चार पहिया वाहन शामिल हैं, लेकिन नए पोर्टल पर परेशानियों की वजह से 15 -20 वाहन ही रजिस्टर्ड हो पा रहे हैं। हालांकि यह परेशानी इंदौर जिले में ही
नहीं, पूरे प्रदेश में आ रही है। जिस वजह से वाहन अन्य जिलों में भी रजिस्टर्ड कराए जाने में डीलर असमर्थ हैं। जबकि पूर्व में जब यह व्यवस्था नहीं थी तो बड़ी संख्या में वाहन अन्य जिलों में रजिस्टर्ड हो रहे थे। एआरटीओ मिश्रा ने बताया कि डीलर अन्य जिलों में वाहन रजिस्टर्ड कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पोर्टल इसकी अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीकी परेशानियों का जल्द ही समाधान हो जाएगा।
दो दिन में हो रही बीमा पॉलिसी अपलोड नए वाहन पोर्टल पर डीलरों को खासी परेशानी हो रही है। बीमा पॉलिसी अपलोड में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। दो दिन बाद अपलोड हो रही हैं। डीलरों ने अन्य राज्यों की तरह यहां पर भी व्यवस्थाएं किए जाने की मांग रखी है। डीलरों का कहना है कि मैन्युअल पॉलिसी अपलोड किए जाने की सुविधा दी जाना चाहिए।
पोर्टल से जुडऩे में आ रही दिक्कत एआरटीओ अर्चना मिश्रा ने कहा कि पोर्टल नया है, तकनीकी परेशानी धीरे-धीरे दूर हो रही है। फिलहाल ऑटोमोबाइल डीलरों को बैंकों के पोर्टल से जोडऩे में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही परेशानी दूर रहो जाएगी।