जानकारी के अनुसार प्रशासन की तरह परिवहन अधिकारी भी चुनावी कार्य में व्यस्त हैं। परिवहन विभाग के जिम्मे वाहन व्यवस्था है। मतदान दल को पोलिंग बूथ तक पहुंचाना और फिर उन्हें स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने के लिए जिले में 450 से अधिक बसों सहित अन्य वाहन लगाए गए। परिवहन विभाग भी एक सप्ताह से बसों सहित अन्य वाहनों का अधिग्रहण करता रहा। इस काम में विभाग का मैदानी अमला भी जुटा रहा, जिससे विभाग का काम प्रभावित हुआ।
अधिकारियों के साथ बाबू भी मैदान में व्यवस्था के लिए डटे रहे। इस कारण कमर्शियल वाहन के साथ ही निजी वाहन रजिस्ट्रेशन से लेकर वाहन ट्रांसफर तक के काम प्रभावित हुए। आवेदकों को लंबा इंतजार करना पड़ा। इस दौरान कार्यालय भी एवजियों के भरोसे ही रहा।
आवेदक हो रहे परेशान परिवहन विभाग में एक बार फिर ड्राइविंग लाइसेंस खत्म हो चुके हैं। कार्ड खत्म हुए तीन दिन से अधिक बीत चुके हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। महीने-दो महीने में यह स्थिति बनती रहती है। एक-एक सप्ताह तक कार्ड की कमी के चलते काम प्रभावित हो जाता है। इस वजह से आवेदनों की पेंडेंसी हजारों की संख्या पार कर जाती है। कई बार तो कार्ड भी सीमित संख्या में आने से लंबित कार्य में ही कार्ड खत्म हो जाते हैं।
बता दें कि 15 दिन पहले भी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन कार्ड खत्म हो चुके थे। बमुश्किल कार्ड आए और फिर से लाइसेंस कार्ड खत्म हो चुके हैं। अफसरों का दावा है कि जल्द ही कार्ड आ जाएंगे।