अधिकारियों के मुताबिक नए सत्र यानि 2022-23 में प्रवेश जून-जुलाई से शुरू हो जाएंगे। उसके पहले समितियों को सीईटी, नान सीईटी, एमटेक-एमई और पीएचडी से जुड़े नियम बनाना है। अधिकारियों के मुताबिक सभी समितियों के प्रमुख की जिम्मेदारी डा. अशुतोष मिश्रा को सौंपी है। प्रवेश समिति को विज्ञापन से लेकर ब्रोशर तैयार करना, आवेदन बुलवाना, प्रवेश नियम व प्रक्रिया पर नजर रखना है। समिति ही मेरिट की सूची बनाएगी।
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सूत्रों के मुताबिक नए सत्र में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन की राशि बढ़ सकती है। विवि सूत्रों के अनुसार फीस में वृद्धि इस बार तय सी लग रही है. दरअसल दो साल से फीस में कोई बदलाव नहीं हुआ है। विभागों में 2019 में तय फीस ही विद्यार्थियों से वसूली जा रही है। कोरोना की वजह से विश्वविद्यालय के विभागों में फीस नहीं बढ़ाई है। माना जा रहा है कि इस साल फीस में मामूली वृद्धि हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक विभाग ने आठ-दस प्रतिशत फीस बढ़ाने पर जोर दिया है। हालांकि इससे कम ही फीस बढ़ाने पर सभी सहमत हो सकते हैं. विश्वविद्यालय ने इसके लिए बाकायदा फीस निर्धारण समिति बनाई है। डा. अशुतोष मिश्रा को अध्यक्ष बनाया है, जबकि डा. संगीता जैन, डा. अभय कुमार, डा. कन्हैया आहूजा और वित्त नियंत्रक को सदस्य के रूप में रखा है। ये सभी सदस्य विधिवत प्रक्रिया के तहत फीस बढ़ाने की सलाह दे सकते हैं.