जैन मुनि सुब्रत सागर की शिकायत मिलते ही सोमवार रात टीआई नीता देअरवाल उनके बयान लेने मलयगिरि तीर्थस्थल पहुंचीं। टीआई ने बताया, पौन घंटे उन्होंने जैन मुनि से चर्चा कर बयान लिए। उन्होंने बताया, मुनिश्री ने मामले में एफआईआर नहीं कराने की बात कही है। जांच में पता चला है कि जिस स्थान पर तीर्थ स्थल बना है, वह सीमा पति पारसमल जैन की है। सीमा ने मुनि शिवसागर को उक्त जमीन तीर्थस्थल बनाने के लिए दान में दी थी। मुनि के समाधिष्ठ होने के बाद वे चाहते हैं कि तीर्थस्थल की देख-रेख की जिम्मेदारी ट्रस्ट को दी जाए।
तीर्थस्थल पर उपजे विवाद का निकालेंगे समाधान मलयगिरि तीर्थ स्थल को लेकर उपजे विवाद में जैन मुनि के स्वयं थाने पहुंच रिपोर्ट लिखाने की बात पर दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष राजकुमार पाटौदी ने संपूर्ण अहिंसक समाज का अपमान बताया है। जैन तीर्थ हमेशा सभी वर्ग के उत्थान और बेहतरी के लिए बनाए जाते हैं। मलयगिरि तीर्थ पर अहिंसक संत को अपनी साधना से विचलित करने की कोशिश करना संपूर्ण अहिंसक समाज के लिए अपमनाजनक है। महावीर जयंती कार्यक्रम के बाद दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद इस विवाद के समाधान के लिए प्रयास करेगा। जरूरत पडऩे पर अफसरों से संपर्क किया जाएगा।