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आपके शहर का है यह युवा, जिसका वीडियो 7 दिन में 3 लाख बार देखा

locationइंदौरPublished: Jan 01, 2018 09:26:16 pm

Submitted by:

amit mandloi

अपने गोल्स के बारे में पता कीजिए, मेंटर चुनिए, मेहनत के साथ फोकस करें। इंस्पीरेशनल और मोटिवेशनल बातों को यू-ट्युब पर पंसद किया जा रहा

sajal jain inspiration and motivational speech on you tube
पटियाला की थापर यूनिवर्सिटी में हुए टेड एक्स में शहर के सेजल जैन हुए शामिल

इंदौर. हम सबके पास बहुत सारे ड्रीम्स होते है। उन्हे अचीव करने के लिए लोग काफी मेहनत करते है। लाख कोशिशों के बाद भी सफलता नही मिलती। सबकी सक्सेस का एक फार्मूला होता है। पहले अपने गोल्स के बारे में पता कीजिए फिर उसके लिए मेंटर चुनिए और मेहनत के साथ फोकस करें। शहर के सजल जैन की इन्ही इंस्पीरेशनल और मोटिवेशनल बातों को इन दिनों यू-ट्युब पर बहुत पंसद किया जा रहा है। पत्रिका से खास बातचीत में सजल ने बताया कि मैने पटियाला की थापर यूनिवर्सिटी में हुए टेड एक्स प्रोग्राम में अक्टुबर में भाग लिया था। एक महीने के रिव्यू के बाद मेरी वीडियों को एक हफ्ते पहले यू-ट्युब पर ये वीडियो रिलीज किया गया। इस वीडियों को एक हफ्ते में ३ लाख से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है। मैने इस टॉक अपनी जिंदगी की तीन स्टोरीज और पांच सक्सेस फॉर्मूला को शेयर किया था। वे बताते है कि मैने एंट्री भेजी और उसके बाद टेलिफोनिक इंटरव्यू के बाद एक मेल से अपनी लाइफ स्टोरी का एक ओवरव्यू भेजा वो उन्हे पसंद आया और मैं सलेक्ट हो गया। सजल लगभग २० सालों से इंदौर में रह रहे है और एक आईटी कंसल्टेंट है। उन्होने अचीविंग द अनइमेजीनेबल सब्जेक्ट के साथ लोगों को एड्रेस किया था। उनके साथ पूजा बेदी, ऑथर रवींद्र सिंह जैसे फेमस लोग शामिल हुए थे।
पांच सूत्रीय सक्सेस फॉर्मूला

फ्रेम योर ड्रीम- सबसे पहले अपने ड्रीम्स को एक शेप दीजिए। सबसे पहले अपने सपनों के बारे में पता कीजिए। आप क्या पाना चाहते है।

सेंड ऑफ नेगेटिव पीपल- जब आप सपने तय कर लेते है तो लोग कहना शुरू कर देते है। बेकार मेहनत कर रहे हो, ये तुम्हारे बस का नही है, लगता नही है सक्ससे मिलेंगी? नेगिटिव लोगों को नो कहना सीखें और उनसे दूरी बना लें।
ग्रो योर थिंकिंग – अपनी सोच का दायरा बढ़ाये? सोचे की क्या हो सकता है? आगे कैसे बढ़ा जा सकता है? रिसर्च करे और हार्ड वर्क करें। जिस फील्ड में काम कर रहे उसक ा पूरा नॉलेज रखें।
डोन्ट सॉल्व द प्रोब्लम मेक देम इर-रेलेवेंट- किसी भी समस्या के आने पर कोशिश करे कि उसकी रेलेवेंसी को ही खत्म कर दें यानि एक ऐसा उपाय जो प्रोब्लम के होने पर प्रोब्लम है ऐसा ना लगें।
एक्शन इज मस्ट- कुछ भी अचीव करने के लिए जरूरी है कि एक्शन प्लान। बिना किये कुछ भी हासिल नही किया जा सकता है। स्ट्रेटजी को प्लानिंग के साथ एग्जीक्यूट करें।

उन्होने इस टॉक में अपनी जिंदगी की तीन कहानियां सुनाई जो लोगों के द्वारा काफी पंसद की जा रही है। उन्होने बताया कि किस तरह एक सामान्य स्टुडेंट से वो एक गोल्ड मेडलिस्ट बनें।
मेरा सपना एक गोल्ड मेडलिस्ट बनने का था। हमेशा कोशिश करता था लेकिन सक्सेस नही मिलती थी। सबने एडवाइज थी हार्ड वर्क करों,रिफरेंस बुक पढ़ों। सब किया तो माक्र्स में इम्प्रुवमेंट हुआ लेकिन टॉप नही कर पाया। उसके बाद लगा सोचा क्यों ना एक ऐसा मेंटर चुना जाएं जो इस गोल को अचीव कर चुका है। वहीं किया। अपना रूम शिफ्ट करके मेंटर के साथ रहने लगा। कॉलेज भी उन्ही के साथ जाता था। उसके बाद में मैने उनकी टेक्टीक सीखी और मेैं टॉपर बना।
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