दवा विक्रेता अजय पटेल का कहना है कि अक्टूबर 2020 से ही सैनेटाइजर की मांग घटने लगी थी। तीसरी लहर में केस भले ही बढ़ रहे हैं, मगर लोग सैनेटाइजर का पहले की तरह इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। फिजिशियन डॉ. विनोद पोरवाल का कहना है कि सैनेटाइजर के उपयोग में लापरवाही भी केस बढ़ने का एक कारण है। सुरक्षा के लिए मास्क और सैनेटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
50 फीसदी तक घटी मांग
सैनेटाइजर का प्रोडक्शन करने वाले जेपी मूलचंदानी का कहना है कि सैनेटाइजर और मास्क दोनों की मांग में बहुत कमी आई है। इससे कई निर्माताओं ने अब इसे बनाना बंद कर दिया है। केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने बताया कि पहली और दूसरी लहर की तुलना में सैनेटाइजर की बिक्री नहीं के बराबर हो रही है। हालांकि, कुछ दिनों से मांग बढ़ी है, लेकिन यह पिछले दिनों के मुकाबले 50 फीसदी ही है।
तेजी से मिल रहे हैं केस
मध्यप्रदेश में कोरोना अनकंट्रोल हो गया है। 24 घंटे में रिकॉर्ड 9,603 नए केस मिले हैं।पॉजिटिविटी रेट 12.4% पर पहुंच चुका है। यानी हर 100 टेस्ट में 12 लोग संक्रमित हो रहे हैं। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के साथ उज्जैन-विदिशा भी कोरोना के बड़े हॉट स्पॉट बन गए हैं। झाबुआ, खरगोन-बड़वानी जैसे छोटे शहरों में भी आंकड़ा 100 के पार है। 24 घंटे के भीतर प्रदेश के 21 जिलों में कोरोना ने शतक लगा दिया। भोपाल, जबलपुर, खरगोन और विदिशा में 4 मौतें भी हुईं। प्रदेश का हरदा ही एकमात्र ऐसा जिला है, जहां पर पॉजिटिव केस का आंकड़ा जीरो रहा।