यह जानकारी संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने शुक्रवार को इंदौर सहकारी दुग्ध संघ की 36वीं वार्षिक साधारण सभा में दी। उन्होंने बताया कि इंदौर सहकारी दुग्ध संघ (सांची) द्वारा उपभोक्ताओं के लिए 3.50 करोड़ से अधिक की लागत का संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इसमें शासन से 2.53 करोड़ का वित्तीय सहयोग एवं एक करोड़ रुपए दुग्ध संघ के वित्तीय स्रोत से व्यय होगा। उपभोक्ताओं को अब सांची की आइसक्रीम भी मिलेगी। संभाग में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए 150 नई दुग्ध उत्पादक समितियों का गठन किया जाएगा। इन्हें डेयरी के लिए ऋण भी दिया जाएगा। सांची के दूध विक्रय में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दूध से बने अन्य उत्पादों के विक्रय तथा लाभांश में भी वृद्धि हुई है।
पांच लोगों पर लगाई रासुका उन्होंने शासन द्वारा चलाए जा रहे मिलावट के खिलाफ अभियान के संबंध में कहा, इसमें संभाग में पांच लोगों पर रासुका की कार्रवाई की गई है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलावटखोरों के खिलाफ जुर्माने लगाए जा रहे हैं, वसूली की जा रही है। आज सांची के सामने विश्वसनीयता की बड़ी चुनौती है। हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि उपभोक्ताओं को अपनी पहचान के अनुरूप शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण दुग्ध उपलब्ध कराएं। दुग्ध संघ के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।
9.11 करोड़ का लाभ उन्होंने कहा, प्रदेश में केवल इंदौर सहकारी दुग्ध संघ इंदौर द्वारा वर्ष 2013-14 से निरंतर दुग्ध सहकारी समितियों को लाभांश एवं बोनस वितरण किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 का 494 करोड़ रुपए लाभांश एवं बोनस मद में भुगतान किया जा रहा है, जिसका लाभ दुग्ध उत्पादक कृषकों को दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के जरिए मिलेगा। दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा 2018-19 में 9.11 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया।
प्रयोगशाला के प्रमाणीकरण की कार्रवाई शुरू त्रिपाठी ने बताया, दुग्ध संघ की प्रयोगशाला को एनएबीएल (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड ऑफ लेबोरेटरी) से प्रमाणीकरण के लिए कार्रवाई शुरू की जा रही है। एनएबीएल प्रमाणीकरण के बाद दुग्ध संघ की प्रयोगशाला को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त होगा।