मध्यप्रदेश में रेत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। सरकार ने बरसात और बवाल को देखते हुए रेत की रॉयल्टी बंद कर रखी है। इसके बंद होने का सबसे ज्यादा असर इंदौर में पड़ा, क्योंकि यहां कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। सरकारी कामकाज से लेकर कई बिल्ंिडगों के साथ में निजी मकान बन रहे हैं।
मजबूरी में काम को धीमा तो कुछ ने बंद भी कर दिया, क्योंकि महंगे दाम पर रेत खरीदना उनके लिए घाटे का सौदा हो रही है। होशंगाबाद व नेमावर रोड पर कई रेत के स्टॉकिस्ट हैं। उन्होंने बरसात में लगने वाली एनजीटी की रोक से पहले ही रेत का स्टॉक कर लिया था, लेकिन रॉयल्टी नहीं कटने की वजह से उनकी भी गाडिय़ां नहीं आ रही हैं। फायदे में वही है जिन्होंने रेत को इंदौर के आसपास ही स्टॉक करके रखा हुआ था।
रेत कारोबार रूबल ट्रेडर्स के बलबीरसिंह टूटेजा के मुताबिक गाडिय़ों के नहीं आने की वजह से रेत की कीमत में खासा इजाफा हुआ है। ७५ रुपए वर्ग फीट के करीब भाव चल रहा है। ये माल भी वही दे पा रहे हैं जिनके पास लोकल स्टॉक रखा है।
रेत कारोबारी दीपकसिंह ठाकुर के मुताबिक रॉयल्टी जल्द नहीं खोली गई तो कीमत ९० से १०० रुपए तक पहुंच सकती है। इसका सीधा असर अब कामकाज पर पड़ रहा है। लोकल स्टॉक करने वालों के पास भी अब माल खत्म होने आ गया है जिसकी वजह से वे ऊंचे भाव मांगकर मोटी कमाई कर रहे हैं। अच्छे माल की कीमत मनमानी वसूल की जा रही है।