गौरतलब है कि रोहित सेठी के देहरादूर में पकड़ाए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर खबर वायरल हुई कि वह खुद पेश हुआ है। उसका रोज मेडिकल करवाना होगा। एनडीपीएस केस का उसे फायदा मिलेगा, लेकिन कानूनविदों का कहना है कि उसके पास से जितनी चरस पकड़ाई है वह कमर्शियल मात्रा मानी जाती है। एनडीपीएस का केस काफी गंभीर होता है जिसमें इसे १० साल व इससे अधिक समय तक की सजा तक हो सकती है। हाईकोर्ट एडवोकेट मनीष यादव का कहना है कि समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है, क्योंकि एनडीपीएस का मामला काफी गंभीर है। वह हत्या का मुलजिम है पुलिस उसके साथ सख्ती बरत सकती है, क्योंकि पुलिस को उससे सबूत जुटाना है। न ही उसका रोज मेडिकल करवाना होगा, क्योंकि कोर्ट ने उसे कोई निर्देश नहीं दिए हैं। यही बात एसपी पूर्व यूसुफ कुरैशी ने भी दोहराई कि हम नियमानुसार हर काम करेंगे। रोज मेडिकल नहीं होगा और सबुत जुटाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उधर, पुलिस आज सुबह तक उसे इंदौर नहीं ला पाई थी। टीआई विजय नगर रत्नेश मिश्रा उसे इंदौर लेकर आ रहे हैं जो कल टीम के साथ वहां पहुंच गए थे। हाईकोर्ट एडवोकेट पंकज वाधवानी का कहना है कि एनडीपीएस के केस में भी रोहित की ९० दिन तो जमानत भी नहीं हो सकेगी, क्योंकि मामला गंभीर है। इसे १० साल से अधिक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।