डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक मराठा ने केबल कंपनी के विवाद में एक करोड़ में सुपारी देने की बात कही है, जिसके आधार पर पुलिस रोहित सेठी की तलाश में है। वह केबल व्यवसाय में साम्राज्य स्थापित करना चाहता है। पूछताछ में पता चला कि शूटरों की मदद देवास के 2-3 बदमाश कर रहे थे। रैकी के दौरान आरोपी देवास में रुके और वहां से विजयनगर आकर रैकी करते थे। देवास के बदमाशों ने ही मूल शूटर की मदद की। गांव वालों के नाम मोबाइल सिम लेकर दी। इस आधार पर पुलिस ने देवास के संदेहियों को भी हिरासत में लिया है।
हत्या के एक सप्ताह पहले सुधाकर मराठा इंदौर में था। उसके साथ हुई बैठक में सभी संदेही के शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। बैठक 9 अथवा 11 जनवरी को इंदौर में हुई थी। 16 जनवरी की शाम जब संदीप अग्रवाल पर गोली चली उस दौरान भी सभी संदेही लसूडिय़ा इलाके के एक फ्लैट में मौजूद थे। पुलिस के पास इसकी सूचना आई थी, लेकिन उन्होंने तत्परता से कार्रवाई नहीं की अन्यथा सभी पकड़े जाते। पुलिस ने संदेही मनोहर वर्मा से पूछताछ की तो इस बात की पुष्टि हुई है, जिससे पुलिस की विफलता फिर साबित हो गई।
रा वजीबाजार इलाके के बदमाश मनोहर वर्मा, पिंटू ठाकुर को पुलिस ने पहले दिन ही पकड़ा था। कांग्रेस नेता की हत्या में मनोहर पर साजिश रचने का केस दर्ज हुआ था। केबल व्यवसाय में जुडऩे से वह पार्टनरों के करीब आ गया था। मनोहर वर्मा से सोमवार को सीएसपी पंकज दीक्षित व कनाडिय़ा टीआई अनिल सिंह चौहान ने लगातार पूछताछ की। उसे नीचे बैठाकर साजिशों के बारे में पूछा गया, जिसके आधार पर काफी जानकारी सामने आई है।
एएसपी शैलेंद्र चौहान की टीम केबल चैनल के पार्टनर रोहित सेठी की तलाश कर रही है। पत्नी के साथ ही साली, दो भाइयों व ससुर से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। उसका पुराना पासपोर्ट जब्त किया गया है और नए पासपोर्ट की जानकारी मांगी है। लुकआउट नोटिस भी जारी कर एयरपोर्ट को अलर्ट किया है। रोहित के भोपाल में पकड़ाने व पेश होने की बात भी आई, लेकिन अफसरों ने पुष्टि नहीं की। संदेही सुशील बजाज के घर पर भी रविवार रात पुलिस पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। प्रेम प्रजापति, गब्बर चिकना, अल्पेश चौहान भी फरार हैं। रोहित व दीपक की सुधाकर से मुलाकात की पुख्ता बात सामने आ रही है। हैप्पी धवन की तलाश भी की जा रही हैं। शाकिर चाचा गैंग से जुड़े बदमाश, सतीश भाऊ गिरोह के कुछ बदमाशों की भी तलाश की जा रही है।
संदीप तेल की हत्या की जांच में हो रहे खुलासे ने पुलिस के मुखबिर तंत्र की पोल भी खोल दी है। संदेहियों से पूछताछ में साफ हुआ है कि शहर में जमीन कारोबारी व बदमाशों की सांठगांठ से नई गैंग बन गई है, जो प्रॉपर्टी के सौदे निपटाने के साथ ही अफसरों से संपर्क रख केस भी दर्ज नहीं होने देती है। पुलिस बदमाश मनोहर वर्मा, सत्यनारायण लुनिया, नीलू उपाध्याय, पिंटू ठाकुर से पूछताछ कर रही है। गब्बर चिकना, अल्पेश चौहान, धीरज पंवार, राहुल बारिक जैसे युवकों की भूमिका सामने आ रही है जिन पर पहले भी कई केस दर्ज हुए है। पता चला कि संदीप ने कई लोगों को करोड़ों रुपए उधार दे रखे थे और वसूली को लेकर उसके विवाद होते रहते थे। इनमें जमीन धोखाधडिय़ों में कुख्यात जमीन कारोबारियों के नाम भी शामिल है। जमीन कारोबारी शराबखोरी भी करते हैं। मुंबई की कॉल गर्ल को भी लाकर एक फ्लैट में रख एक लाख रुपए माह देना तय हुआ था, जो पैसा नहीं मिलने पर बलात्कार का केस दर्ज कराने पहुंच गई थी लेकिन पुलिस की सांठगांठ से केस दर्ज नहीं हुआ। पुलिस अफसरों के ऑफिस में यह लोग देखे जाते थे। इनकी लक्झरी कारों में अफसर सफर करते थे। वरिष्ठ अफसरों तक यह बात आई, लेकिन कार्रवाई नहीं की। प्रॉपर्टी के सौदों में यह लोग विवाद के बाद समझौता बैठक कराकर लाखों कमा रहे हैं। पुलिस के पास इनकी पूरी जानकारी भी रहती थी लेकिन किसी भी मामले में हाथ नहीं डालना भी आश्चर्य का विषय है।