खजराना में सबसे ज्यादा सीलिंग प्रभावित जमीन है, जिस पर धीरे-धीरे भूमाफिया ने कब्जा कर खरीद-फरोख्त कर डाली है। अवैध कॉलोनियां काटकर प्लॉट बेच दिए गए। खजराना मंदिर के पास में भी सीलिंग की जमीन है, जिसका सर्वे नंबर 1052, 1053, 1056/1, 1042/3 व 1054 है, जो 1.579 हेक्टेयर है। सरकार के राजस्व रिकॉर्ड में जमीन शासकीय शहरी सीलिंग के नाम पर दर्ज है। इस जमीन को जिला प्रशासन अब संस्कृत विद्यालय को देने जा रहा है ताकि जमीन सुरक्षित रखी जा सके। हालांकि सर्वे नंबर 1052 की 1.042 पैकी में नगर निगम की पानी टंकी बनी है।
विद्यालय के लिए सीलिंग की जमीन पर्याप्त नहीं है तो उससे लगी जमीनों के मालिकों से भी प्रशासनिक स्तर पर बात चल रही है। प्रयास किया जा रहा है कि वे विद्यालय के लिए जमीन दान पत्र व सहमति के माध्यम से दे दें। वर्तमान में राजस्व अभिलेख में 1056/5 रकबा 0.156 हेक्टेयर व 1042/2 की 1.047 हेक्टेयर है, जो रामचंद्र, नंदकिशोर, सुरेश पाटीदार की आ रही है। बताया जा रहा है कि सभी से बात हो गई है। रामचंद्र पाटीदार व सुरेश पाटीदार से सहमति व दान पत्र के आधार पर 1056/2 में से 0.104 हेक्टेयर व सर्वे नंबर 1042/2 में से 0.698 हेक्टेयर रकबा विद्यालय के लिए प्राप्त हो सकता है। बची हुई जमीन भी तीसरे व्यक्ति से ली जा सकती है। उस हिसाब से 3.92 एकड़ जमीन सरकारी और 1.98 एकड़ निजी जमीन मिलाकर 5.90 एकड़ जमीन संस्कृत विद्यालय के हो जाएगी। इसको लेकर प्रयास चल रहा है। संभावना है कि जल्द ही रास्ता खुल जाएगा।