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ऐसे बचाएंगे पानी, जहां कभी 100 एकड़ में थे कचरे के पहाड़, वहां लगाए 18 हजार पौधे

locationइंदौरPublished: Apr 17, 2019 08:27:11 pm

-कम पानी में पौधे पालने के लिए लगाएंगे स्प्रिंकलर-ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए नगर निगम ने बनाई कार्ययोजना

trenching ground

ऐसे बचाएंगे पानी, जहां कभी 100 एकड़ में थे कचरे के पहाड़, वहां लगाए 18 हजार पौधे

इंदौर. जिस ट्रेचिंग ग्राउंड की 100 एकड़ जमीन पर कभी कचरे के पहाड़ हुआ करते थे, उन्हें खत्म कर नगर निगम ने वहां हजारों की संख्या में पौधे लगा दिए हैं। अब इन्हें जीवित बनाए रखने के लिए नगर निगम ने कम पानी खपत वाली स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई करने की कार्ययोजना बनाई है। इससे अभी लग रहे 25 टैंकर पानी की खपत में खासी कमी आ जाएगी।
ट्रेचिंग ग्राउंड में नगर निगम ने १८ हजार से ज्यादा छोटे-बड़े पौधे लगाए हैं। योजना यहां ५० हजार से ज्यादा पौधे लगाने की है। नगर निगम को गर्मियों के पहले ही यहां लगे पौधों को पानी देने के लिए 2५ टैंकर्स के लगभग पानी लग रहा है। गर्मियों में पौधों के साथ ही शहरवासियों की भी पानी की खपत बढ़ जाती है। लगातार पौधरोपण के चलते यहां भी पानी की खपत और बढ़ेगी। नगर निगम अभी यहां सीधे टैंकर्स से पाइप के जरिए पौधों को पानी डाल रहा है। अब नगर निगम कम पानी में सिंचाई के लिए कार्ययोजना बनाते हुए यहां दो बोरिंग करा रहा है। एक पानी की टंकी भी बनाई जा रही है। पूरे ट्रेचिंग ग्राउंड में पाइप लाइन बिछाई जा रही है। जमीन की ऊपरी सतह पर ही रहने वाले इन पाइप में बड़े स्प्रिंकलर्स लगाए जाएंगे, जिन्हें समय-समय पर चालू कर कम पानी में ज्यादा क्षेत्र में पौधों को पानी दिया जा सकेगा। कुछ जगह पर पानी की लाइन के जरिए ड्रिप इरिगेशन पद्धति भी अपनाई जाएगी। नगर निगम के उद्यान विभाग से प्रस्ताव जलकार्य विभाग को भेजा गया था, क्योंकि पानी की लाइन डालने और अन्य कामों में तकनीकी रुप से दक्ष लोग जलकार्य विभाग में ही पदस्थ हैं। उनके हिसाब से यहां पर लाइन डालने का काम करवाया जाएगा।
बचे पैसों से करेंगे काम

ट्रेचिंग ग्राउंड में मौजूद कचरे को समाप्त करने के लिए नगर निगम को जो राशि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त हुई थी, उसमें लगभग 10 लाख रुपए की राशि बची है। इसी राशि से नगर निगम ट्रेचिंग ग्राउंड में यह व्यवस्था जुटा रहा है।
– ट्रेचिंग ग्राउंड पर लगे और लगाए जाने वाले हजारों पौधे बगैर पानी और तेज धूप के कारण खत्म न हो और पानी की भी बचत हो इसके लिए हमने यहां स्प्रिंकलर की मदद से पानी का छिडकाव करने का निर्णय लिया है। इसका प्रस्ताव जलकार्य विभाग को भेजा था, उन्होने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।
– रजनीश कसेरा, अपर आयुक्त, उद्यान विभाग
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