ओल्ड जीडीसी कॉलेज के पास एक कार के कैबिन में ये सांप दिखा। यहां पास में ही रहने वाले एक युवक ने लकड़ी की मदद से इसका मुंह दबाया और उसके बाद गाड़ी को प्रकाशनगर की ओर जाने वाले रास्ते पर ले जाकर कर्बला के खुले ग्राउंड के पास लकड़ी की मदद से नीचे खिसकाते हुए जमीन पर उतार दिया। कार से नीचे आते ही ये तेजी से कर्बला के खुले मैदानों की ओर रेंग गया
देश में चौथा सबसे जहरीला सांप सॉ स्केल्ड वाइपर देश में मिलने वाले सबसे जहरीले सांपों कोबरा, केरेट, रसेल वाइपर के बाद चौथे नंबर पर आता है। ये काफी छोटा होने के साथ ही जंगलों और खेतों में पेड़ों के पत्तों के नीचे छिपा रहता है। पत्तों की आड में ये लगभग गायब हो जाता है। वहीं इसके काटने पर इसका जहर काफी तेजी से फैलता है। काफी कम संख्या में मिलने के कारण इसका एंटीवेनम भी मुश्किल से मिलता है।
तीन साल में चौथी बार दिखा सामान्यत: ये सांप हिमालय की तराई वाले क्षेत्र, नेपाल, भूटान आदि जगह पर मिलता है। पिछले तीन साल में ये सांप चौथी बार शह में नजर आया है। तीन साल पहले उज्जैनी गांव में इसे पकड़ा था। उसके बाद बायपास पर राऊ के पास ओमेक्स हिल्स टाउनशिप के पास और सिंगापुर टाउनशिप में इसे देखा गया था। अब ये शहर के बीच में मिला है, जबकि सामान्यत: ये आबादी से दूर ही रहता है।