scriptपीएनबी में फिर हुआ घोटाला, सीनियर मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज | SCAM IN PNB INDORE EO WING, SENIOR MANAGER INVOLV | Patrika News

पीएनबी में फिर हुआ घोटाला, सीनियर मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज

locationइंदौरPublished: Apr 10, 2018 07:10:45 pm

Submitted by:

amit mandloi

इओडब्ल्यू ने बैंक के उज्जैन शाखा के प्रबंधक सहित तीन लोगों पर दर्ज किया केस, फर्जी दस्तावेजोंं से लिया लोन

PNB INDORE
इंदौर. आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों (इओडब्ल्यू) ने पंजाब नेशनल बैंक की उज्जैन शाखा में पदस्थ रहे वरिष्ठ प्रबंधक सहित तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। उज्जैन शाखा ने इंदौर के व्यक्ति को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 70 लाख का लोन (ओडी लिमिट) दी थी जो वह लेकर फरार हो गया।
वर्ष 2014 में पंजाब नेशनल बैंक की सुभाष नगर उज्जैन शाखा में हुए घोटाले के मामले में केस दर्ज किया है। डीएसपी आनंद यादव के मुताबिक, जांच के बाद पंकज जैन पिता बाबूलाल जैन निवासी मनपसंद कॉलोनी, बैंक के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक गंगाधर विट्ठल हेडाऊ और बैंक अधिकारी संजय धकीते के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में केस दर्ज किया है। डीएसपी के मुताबिक, उज्जैन की बैंक शाखा ने वर्ष 2014 में पंकज जैन के आवेदन पर उसे 70 लाख की ओडी लिमिट देते हुए एक तरह से नकद निकासी की अनुमति दी थी। पंकज ने बताया था कि उसकी आगर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में कार्तिकेय इंडस्ट्रिज के नाम से फर्म है। उसके व्यापार को बढ़ाने के लिए 70 लाख की ओडी लिमिट के लिए आवेदन किया था। उसने बैंक में ग्यारंटी के रूप में श्रीमती चंद्रकांता पति श्यामलाल विजयवर्गीय निवासी स्कीम न. 140 इंदौर के नाम के छोटा बांगड़दा में 24 सौ स्क्वेयर फीट के प्लाट को बंधक रखा था। पंकज जैन ने खुद के साथ ही चंद्रकांता विजयवर्गीय के पहचान पत्र, फोटो आदि पेश किए थे। लोन लेने की प्रक्रिया के दौरान चंद्रकांता विजयवर्गीय को भी पेश किया था। बैंक ने तमाम प्रक्रिया करते हुए पंकज जैन को ओडी लिमिट दे दी जिसमें से उसने 70 लाख रुपए निकाल लिए। जब लोन की राशि जमा नहीं की गई तो मामला इंदौर की सपना संगीता रोड स्थित बैंक के हैड ऑफिस को वसूली के लिए भेजा गया।
डीएसपी यादव के मुताबिक, सपना संगीता स्थित ब्रांच ने ग्यारंट के नाते चंद्रकांता विजयवर्गीय को नोटिस भेजा तो असलियत सामने आई। चंद्रकांता विजयवर्गीय की ओर से इओडब्ल्यू में शिकायत की गई थी। जांच में पता चला कि बैंक के उक्त दोनों अफसरों ने पंकज जैन की फर्म की जांच ही नहीं की। फर्म का जो पता दिया गया था वहां कार्तिकेय इंडस्ट्रिज के नाम से कोई फर्म ही नहीं है। यहीं नहीं चंद्रकांता विजयवर्गीय के जो फोटो, पहचान पत्र दिया गया था वह भी फर्जी था। अफसरों का मानना है कि उस समय दस्तावेज व फर्म की जांच कर ली जाती तो सच्चाई सामने आ जाती। आरोप है कि अफसरों की सांठगांठ से लोन दिया गया जिसके कारण पंकज जैन के साथ ही वरिष्ठ प्रबंधक गंगाधर विट्ठल हेडाऊ और संजय धकीते को भी आरोपित बनाया है। गंगाधर पिछले साल सेवानिवृत्त हो गए है जबकि संजय इस समय शाजापारु में ब्रांच मैनेजर बताए जा रहे है। पंकज अपने निवास से भी फरार है। वह यहां किराए से रहता था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो