एसटी-एससी के जिन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलने में समस्या आ रही है। कॉलेज इसकी संपूर्ण जानकारी संबंधित विभाग को दें।
- मनीष सिंह, कलेक्टर
पहले से शिकायतें कम हुई हैं। हमारे पास फिलहाल 793 शिकायतें हैं, जिनका निराकरण जल्द किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए सेमिनार लगाकर उन्हें छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने का प्रशिक्षण देंगे।
-निशा मेहरा, एसिस्टेंट कमिश्नर
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स्कूलों ने नहीं भेजे इंटर्नल नंबर
इंदौर. कक्षा 10वीं-12वीं का रिजल्ट तैयार होना शुरू हो चुका है। कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य भी अंतिम चरण में है। ऐसे में कुछ स्कूलों की गलती का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि, स्कूल द्वारा दिए गए इंटर्नल नंबर भी रिजल्ट में जोड़े जाएंगे। एमपी बोर्ड ने कड़े शब्दों में स्कूलों पर नाराजगी जताते हुए पत्र जारी किया है। समय पर नंबर नहीं भेजे गए तो छात्रों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कक्षा10वीं-12वीं की परीक्षा 100 नंबरों की है। इनमें से 80 नंबर छात्रों द्वारा कॉपियों में दिए उत्तर के आधार पर दिए जाएंगे। 20 नंबर स्कूल प्रैक्टिकल और अन्य परीक्षाओं के आधार पर देंगे। स्कूलों को बोर्ड के पोर्टल पर नंबर अपलोड करने हैं। वहीं, परीक्षा हुए लंबा समय बीतने के बाद भी कई स्कूलों ने नंबर नहीं भेजे हैं।
बोर्ड ने 30 मार्च की तारीख निर्धारित की थी, लेकिन शत-प्रतिशत स्कूलों के नंबर नहीं मिलने पर फिर से तारीख बढ़ाई गई है। स्कूलों को पत्र लिखते हुए नंबर अपलोड करने की तारीख 10 अप्रेल कर दी गई है। बोर्ड ने पत्र में लिखा है कि जिन स्कूलों ने नंबर अपलोड नहीं किए हैं, वे तुरंत करें इसके बाद नंबर नहीं लिए जाएंगे। छात्रों के लिए स्कूलों द्वारा दिए जाने वाले नंबर महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये नंबर रिजल्ट में जुड़ेंगे। अगर ये नंबर नहीं मिले तो छात्रों का भविष्य दांव पर लग सकता है।
- मनीष सिंह, कलेक्टर
पहले से शिकायतें कम हुई हैं। हमारे पास फिलहाल 793 शिकायतें हैं, जिनका निराकरण जल्द किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए सेमिनार लगाकर उन्हें छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने का प्रशिक्षण देंगे।
-निशा मेहरा, एसिस्टेंट कमिश्नर
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स्कूलों ने नहीं भेजे इंटर्नल नंबर
इंदौर. कक्षा 10वीं-12वीं का रिजल्ट तैयार होना शुरू हो चुका है। कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य भी अंतिम चरण में है। ऐसे में कुछ स्कूलों की गलती का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि, स्कूल द्वारा दिए गए इंटर्नल नंबर भी रिजल्ट में जोड़े जाएंगे। एमपी बोर्ड ने कड़े शब्दों में स्कूलों पर नाराजगी जताते हुए पत्र जारी किया है। समय पर नंबर नहीं भेजे गए तो छात्रों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कक्षा10वीं-12वीं की परीक्षा 100 नंबरों की है। इनमें से 80 नंबर छात्रों द्वारा कॉपियों में दिए उत्तर के आधार पर दिए जाएंगे। 20 नंबर स्कूल प्रैक्टिकल और अन्य परीक्षाओं के आधार पर देंगे। स्कूलों को बोर्ड के पोर्टल पर नंबर अपलोड करने हैं। वहीं, परीक्षा हुए लंबा समय बीतने के बाद भी कई स्कूलों ने नंबर नहीं भेजे हैं।
बोर्ड ने 30 मार्च की तारीख निर्धारित की थी, लेकिन शत-प्रतिशत स्कूलों के नंबर नहीं मिलने पर फिर से तारीख बढ़ाई गई है। स्कूलों को पत्र लिखते हुए नंबर अपलोड करने की तारीख 10 अप्रेल कर दी गई है। बोर्ड ने पत्र में लिखा है कि जिन स्कूलों ने नंबर अपलोड नहीं किए हैं, वे तुरंत करें इसके बाद नंबर नहीं लिए जाएंगे। छात्रों के लिए स्कूलों द्वारा दिए जाने वाले नंबर महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये नंबर रिजल्ट में जुड़ेंगे। अगर ये नंबर नहीं मिले तो छात्रों का भविष्य दांव पर लग सकता है।