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268 स्कूलों की मान्यता अटकी

locationइंदौरPublished: Jun 27, 2022 07:35:57 pm

1 हजार में से करीब 268 स्कूलों की मान्यता को औपचारिकता में शिक्षा विभाग के डीइओ स्तर के अधिकारियों ने उलझा रखा है। मान्यता अटकने से आरटीई के तहत गरीब वर्ग के छात्र एडमिशन नहीं ले पाएंगे।

268 स्कूलों की मान्यता अटकी
इंदौर. 8वीं तक के स्कूलों की मान्यता प्रक्रिया में स्कूल संचालक उलझे हुए हैं। आवेदन के बाद भी मान्यता रिन्यूअल को लेकर फैसला नहीं हुआ है। 31 मार्च तक मान्यताओं का निराकरण होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 1 हजार में से करीब 268 स्कूलों की मान्यता को औपचारिकता में शिक्षा विभाग के डीइओ स्तर के अधिकारियों ने उलझा रखा है। मान्यता अटकने से आरटीई के तहत गरीब वर्ग के छात्र एडमिशन नहीं ले पाएंगे।
15 जनवरी से शुरू हुई 8वीं की मान्यता नवीनीकरण के आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी थी। इसके बाद तारीख बढ़ाई। आवेदन में सामान्य जानकारी देने के साथ ही एक बच्चे के हिसाब से 2 बाय 2 की जगह के हिसाब से मान्यता दी जाती है। यह मान्यता नि:शुल्क होती है। बीआरसी निरीक्षण करने के बाद डीपीसी को रिपोर्ट देते हैं और वे डीईओ कार्यालय प्रकरण भेजते हैं। डीईओ अंतिम सुनवाई करते हैं। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ऐप के माध्यम से होती है। पहले अधिकारियों ने मान्यता शुल्क लेने का प्रस्ताव बनाया और रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट और शिक्षकों के फोटो अपलोड करने जैसी जटिल प्रक्रिया भी शामिल की। विरोध के बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने 22 दस्तावेजों की सूची के आधार पर मान्यता जारी करने के निर्देश दिए, लेकिन नियमों को उलझाकर मान्यता नहीं दी जा रही है।
आरटीई में नहीं ले सकेंगे एडमिशन
आरटीई के एडमिशन के आवेदन प्रक्रिया चल रही है। 30 जून तक आवेदन होंगे। 20 से 1 जून तक दस्तावेजों का सत्यापन कराया जा सकता है। पहले चरण की लॉटरी का आयोजन 5 जुलाई को होगा। आवेदन प्रक्रिया खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं। इन 268 स्कूलों में बच्चे आरटीई के तहत भी एडमिशन लेंगे। समय पर मान्यता रिन्यूअल का पता नहीं चलेगा तो स्कूल संचालन और एडमिशन पर असर पड़ेगा। 268 स्कूलों में जो विद्यार्थी आरटीई के तहत पढ़ रहे हैं। उनका भी भविष्य खराब होने की ओर अग्रसर दिखाई दे रहा है। अफसरों की मनमानी के कारण आरटीई योजना प्रभावित हो रही है।
लोकसेवा गारंटी का उल्लंघन
एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के गोपाल सोनी ने बताया, 8वीं की मान्यता सामान्य तौर पर मान्य ही की जाती। मान्यता प्रकरण लोक सेवा गारंटी के तहत आते हैं। 45 दिन में मान्यता जारी होनी चाहिए, लेकिन अफसर इसमें देरी कर रहे हैं। इससे छोटे स्कूल प्रभावित हो रहे हैं, जहां गरीब-मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे पढ़ते हैं। गरीब वर्ग के बच्चे इससे प्रभावित होंगे।
&जिन स्कूलों की मान्यता नहीं हुई है। वे फिलहाल आरटीई की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते। जैसे ही उनकी मान्यता होगी, वैसे ही अलग से प्रक्रिया करवा दी जाएगी।
– अक्षय ङ्क्षसह राठौड़, डीपीसी
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