एकीकृत शाला माध्यमिक विद्यालय हरणगांव के शाला प्रभारी राजेश जैन ने बताया कि हमारे यहां शाला में 215 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन अध्यापन के लिए हमारे पास केवल तीन शिक्षक ही हैं। हम तीन कक्षाएं लगाकर बारी-बारी से उन्हें पढ़ाते हैं। कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को बैठाने के लिए हमारे पास 6 कक्ष हैं, किन्तु बारिश के मौसम में सभी की छत से बारिश का पानी टपकता है। स्कूल समय में बारिश होने पर स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है। कार्यालय कक्ष में भी बारिश का पानी छत से टपकता है, जिससे विद्यालय के दस्तावेज भी भीग गए हैं। राज्य शिक्षाकेंद्र से प्राप्त टेबलें व बेंचें भी कक्ष में पानी टपकने के कारण खराब हो रही हैं।
स्कूल परिसर में डालते हैं कचरा
स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं होने से मोहल्लों के लोग स्कूल परिसर में ही कचरा डाला जाता हैं। इसलिए हमें शाला परिसर की बार-बार सफाई करवानी पड़ती है। बाउंड्रीवाल नहीं होने से असामाजिक तत्व टॉयलेट के गेट तोड़ दिए गए हैं, शाला परिसर में बच्चों के पीने के पानी के लिए जल संरचना भी लगाई गई थी, किंतु लोगों ने उसके भी नल तोड़ दिए हैं और उसमें लगी टाइल्स भी उखाड़ ले गए हैं। हम बाउंड्रीवाल की मांग काफी समय से ग्राम पंचायत एवं डाइस प्रपत्र के माध्यम से विभाग से कर रहे हैं, किंतु अभी तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं होने से मोहल्लों के लोग स्कूल परिसर में ही कचरा डाला जाता हैं। इसलिए हमें शाला परिसर की बार-बार सफाई करवानी पड़ती है। बाउंड्रीवाल नहीं होने से असामाजिक तत्व टॉयलेट के गेट तोड़ दिए गए हैं, शाला परिसर में बच्चों के पीने के पानी के लिए जल संरचना भी लगाई गई थी, किंतु लोगों ने उसके भी नल तोड़ दिए हैं और उसमें लगी टाइल्स भी उखाड़ ले गए हैं। हम बाउंड्रीवाल की मांग काफी समय से ग्राम पंचायत एवं डाइस प्रपत्र के माध्यम से विभाग से कर रहे हैं, किंतु अभी तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
सारे बच्चे एक ही कमरे में
माध्यमिक विद्यालय निवारदी में 66 बच्चे दर्ज हैं। यहां शाला शिक्षक विहीन है। अध्यापन के लिए तीन कक्ष हैं जिनमें से 2 कमरों में बारिश का पानी छत से टपकता है। इसलिए सभी बच्चों को एकत्र कर एक ही कक्ष में बैठाना पड़ रहा है। यहां पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक स्कूल संचालित करा रहे हैं।
माध्यमिक विद्यालय निवारदी में 66 बच्चे दर्ज हैं। यहां शाला शिक्षक विहीन है। अध्यापन के लिए तीन कक्ष हैं जिनमें से 2 कमरों में बारिश का पानी छत से टपकता है। इसलिए सभी बच्चों को एकत्र कर एक ही कक्ष में बैठाना पड़ रहा है। यहां पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक स्कूल संचालित करा रहे हैं।