scriptसरकार को देनी थी 50 हजार स्कूलों की जानकारी, तय समय में दिये सिर्फ 1307, SC से मांगा और 6 हफ्ते का समय | school fees issue in supreme court mp government ask 6 weeks | Patrika News

सरकार को देनी थी 50 हजार स्कूलों की जानकारी, तय समय में दिये सिर्फ 1307, SC से मांगा और 6 हफ्ते का समय

locationइंदौरPublished: Sep 09, 2021 08:51:05 pm

Submitted by:

Faiz

गौरतलब है कि, ट्यूशन फीस के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा पूरी फीस वसूली जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

News

सरकार को देनी थी 50 हजार स्कूलों की जानकारी, तय समय में दिये सिर्फ 1307, SC से मांगा और 6 हफ्ते का समय

इंदौर. इंदौर के जागृत पालक संघ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को दो हफ्तों में स्कूलों की फीस संबंधी जानकारी लेकर वेबसाइट पर अपलोड करने के आदेश जारी किये थे, लेकिन प्रदेश सरकार अब इसमें असमर्थ दिखाई दे रही है। इसके चलते प्रदेश सरकार ने 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर 6 हफ्ते का समय मांगा है। इतना समय लेने के पीछ सरकार की ओर से तर्क ये दिया जा रहा है कि, प्रदेशभर में 50 हजार से अधिक स्कूल हैं और पहली बार इस तरह का डाटा मांगा जा रहा है, जिसमे कम से कम इतना समय तो लगेगा ही।


सरकार द्वारा बताया गया है कि, अब तक 50 हजार में से 1307 स्कूलों से ही जानकारी जुटाई गई है। उधर, जिला समिति के समक्ष शिकायत प्रस्तुत करने और उसके निराकरण के लिए भी डेढ़ माह समय देने कि मांग की गई है। गौरतलब है कि, ट्यूशन फीस के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा पूरी फीस वसूली जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इस मामले में इंदौर के जागृत पालक संघ के अध्यक्ष एडवोकेट चंचल गुप्ता, सचिव सचिन माहेश्वरी व अन्य सदस्य लंबे समय से पेरेंट्स के हित में लड़ रहे हैं। संघ ने दिसंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर के कारण लंबे समय तक सुनवाई नहीं हुई। फिर संक्रमण कम होने पर कोर्ट खुली और 19 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।


इस दौरान कोर्ट ने पेरेंट्स को राहत देते हुए कहा कि, किसी भी पेरेंट्स को स्कूल से कोई शिकायत है, तो वो जिला समिति से इस संबंध में शिकायत कर सकता है।समिति को चार हफ्ते में इसका निराकरण करना होगा। पूर्व में पेरेट्स द्वारा की जाने वाली शिकायत पर जिला प्रशासन गंभीर नहीं होता था और अधिकार क्षेत्र नहीं होने का कहकर टाल देता था, लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा।


इसपर 23 अगस्त 2021 को मप्र सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को आदेश दिए कि वो सभी प्राइवेट स्कूलों की फीस संबंधी जानकारी 3 सितंबर तक उपलब्ध कराएं, क्योंकि 4 सितंबर को विभाग को जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी थी। जब सभी स्कूलों से जानकारी नहीं मिली, तो प्रदेश सरकार ने 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर 6 हफ्ते के समय की मांग की है।

 

पढ़ें ये खास खबर- जब कलेक्टर से बोली नाबालिग- ‘मुझे मेरी मां से बचाओ’, जानिये मामला


जानिये पूरा मामला

साल 2020 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश के अनुसार, कोरोना काल के दौरान प्राइवेट स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे, क्योंकि ज्यादातर स्कूल टयूशन फीस की आड़ में पूरी फीस ले रहे थे, लेकिन स्कूलों ने ये आदेश नहीं माना। इसके चलते जागृत पालक संघ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और तर्क रखा कि, प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के आड़ में पूरी फीस वसूल रहे हैं। इसमें यह मांग भी रखी गई की प्रशासन शिकायत पर सुनवाई नहीं कर रहा।


इसके जवाब में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी एक याचिका लगाई, जिसमें मांग की कि, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान प्रदेश के लिए जो फैसला दिया है, उसके अनुसार प्राइवेट स्कूल पूरी फीस में से सिर्फ 15 फीसदी कटौती कर पेरेंट्स को देंगे। बाकी पूरी फीस पेरेंट्स को देनी होगी। एडवोकेट मयंक क्षीरसागर ने प्राइवेट अस्पतालों की इस मांग पर आपत्ति लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया कि, पिछला सेशन पूरा बीत चुका है और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी याचिका में स्वीकार भी किया है कि वो आदेश को स्वीकारते हुए इस अनुसार फीस ले चुके हैं, इसलिए इस समय इस तरह की मांग अनुचित है।


सुप्रीम कोर्ट उक्त तर्कों से सहमत होते हुए स्कूल एसोसिएशन की याचिका निरस्त कर दी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि स्कूलों को यह बताना होगा कि वो पेरेंट्स से जो फीस ले रहे हैं, वो किस किस मद में ले रहे हैं, उसके अलग-अलग हेड बताना होंगे। ये जानकारी जिला शिक्षा समिति को स्कूलों से लेना होगी। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश सरकार को इस जानकारी को दो हफ्ते में अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी है। साथ ही, अपने आदेश में ये भी कहा कि, अगर किसी पेरेंट्स को स्कूल से कोई शिकायत है, तो वो जिला समिति के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा और समिति को चार हफ्ते में इसका निराकरण भी करना होगा।

 

यहां जेल के बाहर नशे में धुत पड़ा था जेल प्रहरी – देखें Video

https://www.dailymotion.com/embed/video/x840qep
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो