राह चलते लोगों की सूचना पर पुलिस पहुंची और उसे लेकर एमवाय अस्पताल लेकर गई। वहां कुछ देर इलाज के बाद नितिन की मौत हो गई। दोस्त दानिश अंसारी के अनुसार, दुर्घटनास्थल के आसपास की स्ट्रीट लाइट बंद थी और किसी तरह की बैरिकेडिंग भी नहीं की गई थी। वह खाना पैक कराने के लिए होस्टल से निकला और दुर्घटना का शिकार हो गया।
5 मई को जन्मदिन
बड़े भाई विपिन ने बताया, एक्सीडेंट से पूर्व उसने मां को तबीयत खराब होने की जानकारी दी थी। फिर कहने लगा, डॉक्टर को दिखा देगा। इसके बाद वह रूम से खाना लेने के लिए निकला। 5 मई को उसका जन्मदिन था। उसी दिन उसकी नीट की परीक्षा भी थी। पिता रीवा में शिक्षक हैं। रात को भाई के एक्सीडेंट की सूचना एमवाय से इंटर्न कर रहे डॉक्टर से मिली।
शनिवार से खुला था गड्ढ़ा
मनोरमागंज में जिस गहरे गड्ढ़े में गिरकर छात्र की जान गई, उसे निगमकर्मियों ने मंगलवार को पलभर में भरकर समतल कर दिया। रहवासियों का कहना है, शनिवार से यह गड्ढ़ा खुला पड़ा था। मार्ग पर कई जगह पर स्ट्रीट लाइट भी बंद है। इस कारण कई लोग उसमें दुर्घटना का शिकार होते बचे।
न गड्ढ़ा खोदा न इजाजत दी
गड्ढ़ा हमने नहीं खोदा था। इसके बारे में किसी तरह की जानकारी भी नहीं है। न इस गड्ढ़े को खोदने के लिए किसी को इजाजत दी थी। किसी टेलीकॉम कंपनी ने खोदा हो तो कह नहीं सकते। किसने गड्ढ़ा खोदा इसकी जांच करेंगे।
नागेंद्रसिंह भदौरिया, जोनल अधिकारी, नगर निगम