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45 साल पुरानी गाडिय़ां चला रहा नगर निगम

locationइंदौरPublished: Sep 26, 2021 08:36:36 pm

निगम की 70 से ज्यादा गाडियां 15 साल पुरानीस्क्रेप पॉलिसी के तहत खत्म होना होना है गाडियां

indore nagar nigam

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इंदौर. शहर में नियम कायदों का पाठ पढ़ाने वाला नगर निगम खुद ही सरकार के ही बनाए नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। कार्बन क्रेडिट के नाम पर वाहवाही लूटने वाला नगर निगम शहर में गाडियों के धुएं के जरिए कार्बन की मात्रा बढ़ाने में भी पीछे नहीं हटा रहा है। नगर निगम की कई गाडियां ऐसी हैं जो ब45 सालों से भी ज्यादा पुरानी है, लेकिन उन गाडियों को अभी भी नगर निगम खिंच रहा है।
केंद्र सरकार ने सभी कमर्शियल वाहनों को 15 सालों के बाद बंद करने का फैसला ले लिया है। केंद्र सरकार ने ऐसे वाहनों को स्क्रेप करने के लिए पॉलिसी भी जारी कर दी है। लेकिन नगर निगम इस पर ध्यान ही नहीं दे रहा है। नगर निगम में ही 70 से ज्यादा वाहन ऐसे हैं जो 30 साल से पुराने हैं। वहीं लगभग 20 वाहन ऐसे हैं जो 20 साल की उम्र पार कर चुके हैं। यही नहीं नगर निगम किराए पर लेकर जो वाहन चला रहा है उनमें भी कई वाहन बरसों पुराने हैं। लेकिन इन वाहनों को बाहर करने की ओर नगर निगम ध्यान ही नहीं दे रहा है।
कई विभाग पुराने वाहनों के भरोसे
नगर निगम के रिमूवल विभाग में लगे 4 ट्राले मौजूद हैं। ये सभी नगर निगम ने 1975-76 में खरीदे थे। इसी तरह से शहर में पानी बांटने का काम करने वाले निगम के सभी 55 टैंकर्स ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 साल के आसपास है। इनमें फायर बिग्रेड की गाडियों को पानी पहुंचाने में लगी गाडियां भी मौजूद हैं। इसी तरह से उद्यान विभाग में डिवाइडर और फूटपाथ पर लगे पौधों में पानी देने के लिए लगे 3 टैंकर और चार से ज्यादा ट्राले ऐसे हैं जो पेडों को पहुंचाने के साथ ही लकडी ढ़ोने में इस्तेमाल होते हैं। नगर निगम के पास मौजूद सभी शव वाहन भी लगभग 25 साल पहले नगर निगम ने खरीदे थे। ये सभी गाडियां फिलहाल सड़क पर दौड़ती हैं।
नहीं कराते फिटनेस
सभी भारी वाहनों का हर साल फिटनेस कराना जरूरी होता है। लेकिन नगर निगम की गाडिय़ों का बरसों से फीटनेस ही नहीं हुआ है। जिसके कारण इन गाडियों का बीमा भी नहीं होता है। ऐसे में नगर निगम के ये वाहन दुर्घटना के दौरान और भी ज्यादा खतरनाक होते हैं।
1300 से ज्यादा है गाडियां
नगर निगम के पास फिलहाल 1300 से ज्यादा गाडियों का अमला है। इनमें से 750 गाडियां तो केवल कचरा संग्रहण और कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने में ही इस्तेमाल होती हैं। इसके अलावा अफसरों के पास ही 200 से ज्यादा गाडियां लगी हुई हैं।
– हमारे पास जो गाडियां है वो सभी सही हालत में हैं। वैसे भी हम धीरे-धीरे गाडियों को इलेक्ट्रानिक्स गाडियों में बदल रहे हैं, जल्द ही हम पुरानी गाडियों को बाहर कर देंगे।
– संदीप सोनी, अपर आयुक्त
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