प्रशासन ने लोहा व्यापारियों को स्कीम नंबर 78 स्थित नई लोहा मंडी में शिफ्ट होने और दुकानों के बाहर रखा सामान हटाने की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद 323 व्यापारियों में से महज 150 ही शिफ्ट हुए। कई दुकानदारों ने नई मंडी में प्लॉट लेने के बाद गोदाम भी बना लिया, लेकिन पुरानी लोहा मंडी में ही कारोबार कर रहे हैं। इसके बाद ही बड़ी कार्रवाई की गई। इस दौरान व्यापारियों ने समय मांगा, लेकिन अफसरों ने समय नहीं दिया तो विवाद करने लगे। निगम उपायुक्त महेंद्रसिंह चौहान से जमकर बहस भी हुई। कई व्यापारियों ने नेताओं और जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा कराने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने बात तक नहीं की। निगम की टीम रास्तों पर पड़ा सामान जब्त कर रही थी तो कुछ व्यापारियों ने तत्काल सामान दुकानों में फेंकना शुरू कर दिया। इसके बाद शटर लगाकर दुकानें भी बंद कर दीं। कुछ दुकानों का रिकॉर्ड देख १५ सील की गईं। इससे भी व्यापारियों में हडक़ंप मच गया और विरोध किया। कार्रवाई के दौरान अपर कलेक्टर दिनेश जैन सहित आइडीए व पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
तीन घंटे चली कार्रवाई दोपहर 12.30 बजे कार्रवाई शुरू की गई। व्यापारी समझ नहीं पाए इतना भारी-भरकम अमला क्यों आया, लेकिन जैसे ही सुनील स्टील दुकान के बाहर रोड पर पड़े सरियों को जेसीबी ने उठाया तो कारोबारी ने विरोध किया। कुछ सरिए निगम ने जब्त कर लिए, बाकी कारोबारी ने अपने कर्मचारियों के जरिए दुकान में रखवाना शुरू कर दिया। श्रीराम मेटल्स के बाहर पड़ी लोहे की चद्दर जब्त की गईं। कार्रवाई के बाद चेतावनी दी कि दोबारा कब्जा किया तो मोहलत भी नहीं मिलेगी।
-15 दुकानें सील की हैं। इनमें निगम संपत्तिकर के साथ एेसे भी व्यापारी हैं जो नई लोहा मंडी में प्लॉट देने के बाद भी यहां कारोबार कर रहे हैं। एक दुकान तो व्यापारी ने किराए पर दे दी थी।
महेंद्रसिंह चौहान, उपायुक्त नगर निगम