आइटीसी बन गया करेला नीम चढ़ा
माहेश्वरी भवन में सीटीपीए द्वारा आयोजित सेमिनार में अध्यक्ष यशवंत लोभाने, सीए सुनील पी जैन व अश्विन लखोटिया ने विचार रखे। लोभाने ने कहा, जीएसटी में आइटीसी प्रेतात्मा के स्वरूप की हो गई। इसमें किए संशोधन करेला कड़वा, ऊपर से नीम चढ़ा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। सरकार को न्यायसंगत स्पष्टीकरण देना चाहिए। लखोटिया ने कहा, वैट के प्रकरणों में हमारी समय बढ़ाने की मांग खारिज कर दी गई। जीएसटीआर-9 को लेकर किए प्रावधानों से कारोबारियों को राहत मिली है। सीए जैन ने कहा, एनुअल रिटर्न के प्रारूप अत्यंत जटिल व विस्तृत है। इसमें आंशिक संशोधन किए हैं। हालांकि 2 करोड़ से कम व्यापार करने वाले करदाताओं के लिए इसे वैकल्पिक किया है। करदाता चाहे तो भूल सुधार के लिए रिटर्न भर सकता है।
माहेश्वरी भवन में सीटीपीए द्वारा आयोजित सेमिनार में अध्यक्ष यशवंत लोभाने, सीए सुनील पी जैन व अश्विन लखोटिया ने विचार रखे। लोभाने ने कहा, जीएसटी में आइटीसी प्रेतात्मा के स्वरूप की हो गई। इसमें किए संशोधन करेला कड़वा, ऊपर से नीम चढ़ा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। सरकार को न्यायसंगत स्पष्टीकरण देना चाहिए। लखोटिया ने कहा, वैट के प्रकरणों में हमारी समय बढ़ाने की मांग खारिज कर दी गई। जीएसटीआर-9 को लेकर किए प्रावधानों से कारोबारियों को राहत मिली है। सीए जैन ने कहा, एनुअल रिटर्न के प्रारूप अत्यंत जटिल व विस्तृत है। इसमें आंशिक संशोधन किए हैं। हालांकि 2 करोड़ से कम व्यापार करने वाले करदाताओं के लिए इसे वैकल्पिक किया है। करदाता चाहे तो भूल सुधार के लिए रिटर्न भर सकता है।
2 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर, रिटर्न नहीं भरा तो 200 रुपए रोज पेनल्टी
इंदौर सीए शाखा द्वारा आयोजित सेमिनार में एनुअल रिटर्न और ऑडिट पर चर्चा की गई। किशनगढ़ से आए वक्ता सीए अंकित सोमानी कहा, एनुअल रिटर्न को लेकर दिए गए विकल्पों से राहत तो मिलेगी, लेकिन कुछ कानून कारोबारियों के लिए परेशानी बनेंगे। यदि 1017-18 में पंजीकृत करदाता का टर्नओवर २ करोड़ या अधिक है तो उसे ३१ दिसंबर तक रिटर्न व ऑडिट जमा करना अनिवार्य है। एेसा नहीं करने पर २०० रुपए रोज पेनल्टी लगेगी। उन्होंने सुझाव दिया, 2 करोड़ से कम टर्नओवर पर एनुअल रिटर्न वैकल्पिक कर दिया है, लेकिन इसे तभी चुने जब 2017-18 का सही रिटर्न दाखिल किया है। गलती होने पर 200 रुपए रोज पेनल्टी भुगतना होगी।
इंदौर सीए शाखा द्वारा आयोजित सेमिनार में एनुअल रिटर्न और ऑडिट पर चर्चा की गई। किशनगढ़ से आए वक्ता सीए अंकित सोमानी कहा, एनुअल रिटर्न को लेकर दिए गए विकल्पों से राहत तो मिलेगी, लेकिन कुछ कानून कारोबारियों के लिए परेशानी बनेंगे। यदि 1017-18 में पंजीकृत करदाता का टर्नओवर २ करोड़ या अधिक है तो उसे ३१ दिसंबर तक रिटर्न व ऑडिट जमा करना अनिवार्य है। एेसा नहीं करने पर २०० रुपए रोज पेनल्टी लगेगी। उन्होंने सुझाव दिया, 2 करोड़ से कम टर्नओवर पर एनुअल रिटर्न वैकल्पिक कर दिया है, लेकिन इसे तभी चुने जब 2017-18 का सही रिटर्न दाखिल किया है। गलती होने पर 200 रुपए रोज पेनल्टी भुगतना होगी।
सीए कीर्ति जोशी ने कहा, सरकार ने इन फार्मों का सरलीकरण कर कई कॉलम ऐच्छिक कर दिए। अब इनपुट, इनपुट सर्विसेस और कैपिटल गुड्स पर ली गई आइटीसी की डिटेल अलग से नहीं देना होगी। इंदौर सीए शाखा चेयरमैन पंकज शाह ने कहा, इनकम टैक्स रिटर्न में दर्शाए किराए, कमीशन या अन्य आय पर भी जीएसटी नहीं देने पर पेनल्टी या ब्याज देना होगा।