नगर निगम के चुनाव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वर्मा के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं होते हैं। वजह ये है कि उनका गृह वार्ड 66 (पलसीकर कॉलोनी) कट्टर भाजपाई समर्थकों का है। पिछली बार कंचन गिदवानी निर्विरोध चुनाव जीत गईं थीं। कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी ही नहीं था। इस पर जमकर बवाल मचा था और
कठघरे में वर्मा थे। इस बार वर्मा के ही कट्टर समर्थक दीपक खत्री ने टिकट मांगा था। सिंधी समाज से ताल्लुक होने के साथ स्थानीय भी होने से उनका दावा मजबूत था। ऊपर से चलना भी उनके आका की ही थी, जिसके चलते खत्री टिकट पक्का मान रहे थे। चली वर्मा की ही लेकिन उन्होंने रानीबाग में रहने वाले सिख समाज के पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष गुरजोत सिंह गिल को टिकट दे दिया। इसके बाद खत्री ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। तीन दिन बीतने के बावजूद किसी भी कांग्रेसी ने उनसे संपर्क नहीं किया। इससे नाराज होकर खत्री ने साथियों के साथ कल वार्ड 66 की भाजपा प्रत्याशी कंचन गिदवानी के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में भाजपा की सदस्यता ले ली। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक मालिनी गौड़ भी मौजूद थीं। खत्री को भाजपा का दुपट्टा और पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। चौंकाने वाली बात ये है कि खत्री वर्षों से वर्मा का झंडा उठा रहे थे।
कठघरे में वर्मा थे। इस बार वर्मा के ही कट्टर समर्थक दीपक खत्री ने टिकट मांगा था। सिंधी समाज से ताल्लुक होने के साथ स्थानीय भी होने से उनका दावा मजबूत था। ऊपर से चलना भी उनके आका की ही थी, जिसके चलते खत्री टिकट पक्का मान रहे थे। चली वर्मा की ही लेकिन उन्होंने रानीबाग में रहने वाले सिख समाज के पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष गुरजोत सिंह गिल को टिकट दे दिया। इसके बाद खत्री ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। तीन दिन बीतने के बावजूद किसी भी कांग्रेसी ने उनसे संपर्क नहीं किया। इससे नाराज होकर खत्री ने साथियों के साथ कल वार्ड 66 की भाजपा प्रत्याशी कंचन गिदवानी के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में भाजपा की सदस्यता ले ली। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक मालिनी गौड़ भी मौजूद थीं। खत्री को भाजपा का दुपट्टा और पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। चौंकाने वाली बात ये है कि खत्री वर्षों से वर्मा का झंडा उठा रहे थे।
लामबंद हुआ समाज
गिदवानी के कार्यालय उद्घाटन में अलग ही नजारा था। टिकट के एक दर्जन दावेदारों में से अधिकतर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन प्रकाश पारवानी, कमल मटाई और बाबू वाधवानी नहीं पहुंचे। वार्ड अध्यक्ष दयाल बजाज मायूस थे तो वरिष्ठ नेता मनमोहन माखीजा ने उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा वरिष्ठ नेता रहे बलदेव चावला की पत्नी भी कार्यक्रम में पहुंचीं। लंबे समय बाद किसी राजनीतिक कार्यक्रम में सिंधी समाज की सभी पंचायतों ने मौजूदगी दर्ज कराई। इनमें राजा मंदवानी, रवि भाटिया, अजय शिवानी, दीपक बाबा, गोपालदास परियानी सहित कई पंचायत के प्रमुख थे।
गिदवानी के कार्यालय उद्घाटन में अलग ही नजारा था। टिकट के एक दर्जन दावेदारों में से अधिकतर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन प्रकाश पारवानी, कमल मटाई और बाबू वाधवानी नहीं पहुंचे। वार्ड अध्यक्ष दयाल बजाज मायूस थे तो वरिष्ठ नेता मनमोहन माखीजा ने उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा वरिष्ठ नेता रहे बलदेव चावला की पत्नी भी कार्यक्रम में पहुंचीं। लंबे समय बाद किसी राजनीतिक कार्यक्रम में सिंधी समाज की सभी पंचायतों ने मौजूदगी दर्ज कराई। इनमें राजा मंदवानी, रवि भाटिया, अजय शिवानी, दीपक बाबा, गोपालदास परियानी सहित कई पंचायत के प्रमुख थे।