– जवाहर मार्ग पर प्रेमसुख टॉकीज के पास बना पुल।
– कृष्णपुरा छत्री पुल
– हाथीपाला पुल
– तीन इमली चौराहे वाला पुल।
– कबीट खेड़ी पुल।
– पोलोग्राउंड का पुल
– मालवा मिल से पाटनीपुरा चौराहा के बीच पुल।
– पुलों की फिजिकल जांच।
– पुलों की क्या स्थिति है?
– खतरनाक है या नहीं ।
– कितनी लंबाई और चौड़ाई है।
– यातायात दबाव कितना।
– पुल का निर्माण कब हुआ।
– चौड़ाई पर्याप्त है या नहीं।
– इनके सहित अन्य कई बिंदुओं पर पुल की जांच कर रिर्पोट तैयार की गई है।
निगम ने सरदार वल्लभ भाई पटेल पुल और लालबहादुर शास्त्री पुल (रीगल) की भी जांच कराई है। यह पुल ज्यादा खतरनाक नहीं, लेकिन मरम्मत की जरूरत है। गौरतलब है कि रीगल पुल को इंदौर विकास प्राधिकरण खतरनाक बता चुका है।
सर्वे रिर्पोट में जिन पुलों को खतरनाक और जर्जर बताया गया है, वह कान्ह और सरस्वती नदी पर बने हुए हैं। अब इनकी हालत सुधारने की जल्द प्लानिंग होगी और काम शुरू किया जाएगा। यह दावा निगम के पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के अफसरों ने किया है।
पिछले 4 साल में निगम ने छोटे-बड़े मिलाकर तकरीबन 40 पुल बनाए हैं। इसमें संवाद नगर, चंद्रभागा, चंपाबाग, जूनी इंदौर मुक्तिधाम के सामने और धार रोड़ सहित अन्य पुल शामिल हैं। इनके अलावा लगभग 35 पुलों का काम चल रहा है।
प्राथमिक रिपोर्ट आ गई है। तकरीबन 7 पुल खतरनाक और संकरे पाए गए हैं। इनके स्ट्रक्चर की एक बार फिर जांच कराई जाएगी। जल्द ही फैसला लिया जाएगा कि पुल को तोड़कर नया बनाना है या फिर मरम्मत करना है।
आशीष सिंह, आयुक्त,