इंदौर

जवाहर मार्ग के बाद इंदौर के ये 7 पुल भी है खतरनाक

नगर निगम इंदौर के सर्वे में खुलासा, नया बनाएं या उन्हें ही सुधारें इस पर हो रही माथापच्ची, सुबह से लेकर देर रात तक ट्रैफिक रहता है इन पुलों पर
 
 
 

इंदौरOct 13, 2018 / 11:11 am

Uttam Rathore

जवाहर मार्ग के बाद इंदौर के ये 7 पुल भी है खतरनाक

उत्तम राठौर.इंदौर

जवाहर मार्ग पुल का पिलर धंस जाने के बाद फिर से बनाने की प्लानिंग नगर निगम ने की। इसके चलते पुल को तोड़कर नया बनाने का काम शुरू किया गया है। इसके साथ ही शहर के अन्य प्रमुख पुलों की हालत जानने के लिए निगम के पुल-पुलिया प्रकोष्ठ ने सर्वे करवाया, जो कि तकनीकि कंसल्टेंट टेक्नोजन कंपनी के इंजीनियरों ने किया।
शहर के छोटे-बड़े मिलाकर तकरीबन 30 पुलों के स्ट्रक्चर की जांच-पड़ताल कर रिर्पोट निगम को सौंपी गई है। इसमें शहर के 7 बड़े पुलों की स्थिति खतरनाक होने के साथ संकरी है। सर्वे रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद अब पुल को मरम्मत करना है या फिर तोड़कर फिर से नया बनाया जाए, इसका फैसला आयुक्त आशीष सिंह के समक्ष एक-दो दिन में किया जाएगा। जिन पुलों को खतरनाक और ट्रैफिक के लिहाज से संकरा बताया गया है, उन पर सुबह से लेकर देर रात तक ट्रैफिक का दबाव बहुत रहता है। वर्षों पुराने इन खतरनाक और संकरे पुलों को तोड़कर बनाया गया तो ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ जाएगी, क्योंकि यह 7 पुल ट्रैफिक के लिहाज से शहर की लाइफ लाइन है। इनके बंद होने से हालात खराब हो जाएगी। इसलिए निगम अफसर एक-दो पुलों को तोड़कर फिर बनाने के साथ बाकी को मरम्मत करने की बात पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल सहित अन्य अफसरों की निगरानी में यह सर्वे कंसल्टेंट कंपनी के इंजीनियरों ने किया था।
दरअसल, मरम्मत करने की वजह से किसी दिन इन पुलों की हालात जवाहर मार्ग जैसी न हो जाए, क्योंकि बारिश में पिलर धंसने से पहले निगम ने इस पुल की भी मरम्मत ही की थी। पिलर धंसने के बाद पुल खतरनाक हो गया और अब पूरा तोड़कर फिर से नया बनाया जा रहा है।
ये हैं खतरनाक
– जवाहर मार्ग पर प्रेमसुख टॉकीज के पास बना पुल।
– कृष्णपुरा छत्री पुल
– हाथीपाला पुल
– तीन इमली चौराहे वाला पुल।
– कबीट खेड़ी पुल।
– पोलोग्राउंड का पुल
– मालवा मिल से पाटनीपुरा चौराहा के बीच पुल।
इस तरह हुई पुलों की जांच
– पुलों की फिजिकल जांच।
– पुलों की क्या स्थिति है?
– खतरनाक है या नहीं ।
– कितनी लंबाई और चौड़ाई है।
– यातायात दबाव कितना।
– पुल का निर्माण कब हुआ।
– चौड़ाई पर्याप्त है या नहीं।
– इनके सहित अन्य कई बिंदुओं पर पुल की जांच कर रिर्पोट तैयार की गई है।
 

पटेल और शास्त्री ब्रिज की भी हुई जांच
निगम ने सरदार वल्लभ भाई पटेल पुल और लालबहादुर शास्त्री पुल (रीगल) की भी जांच कराई है। यह पुल ज्यादा खतरनाक नहीं, लेकिन मरम्मत की जरूरत है। गौरतलब है कि रीगल पुल को इंदौर विकास प्राधिकरण खतरनाक बता चुका है।
कान्ह-सरस्वती नदी पर है पुल
सर्वे रिर्पोट में जिन पुलों को खतरनाक और जर्जर बताया गया है, वह कान्ह और सरस्वती नदी पर बने हुए हैं। अब इनकी हालत सुधारने की जल्द प्लानिंग होगी और काम शुरू किया जाएगा। यह दावा निगम के पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के अफसरों ने किया है।
4 साल में बनाए 40 पुल
पिछले 4 साल में निगम ने छोटे-बड़े मिलाकर तकरीबन 40 पुल बनाए हैं। इसमें संवाद नगर, चंद्रभागा, चंपाबाग, जूनी इंदौर मुक्तिधाम के सामने और धार रोड़ सहित अन्य पुल शामिल हैं। इनके अलावा लगभग 35 पुलों का काम चल रहा है।
जल्द होगा फैसला
प्राथमिक रिपोर्ट आ गई है। तकरीबन 7 पुल खतरनाक और संकरे पाए गए हैं। इनके स्ट्रक्चर की एक बार फिर जांच कराई जाएगी। जल्द ही फैसला लिया जाएगा कि पुल को तोड़कर नया बनाना है या फिर मरम्मत करना है।
आशीष सिंह, आयुक्त,
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.