अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा कि मुझे सोशल मीडिया के जरिए इंदौर में गुरुद्वारा इमली साहिब में तिरंगा फहराए जाने की बात पता चली है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। श्री गुरु नानक देवजी से जुड़े इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा में केवल खालसा के निशान साहिब को ही फहराया जा सकता है। प्रधान धामी ने कहा है कि गुरुद्वारा प्रबंधन या प्रशासन, जिसने भी यह गलती की है, वह इस घटना के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।
इतना ही नहीं, उन्होंने तुरंत इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। उनका यह भी कहना है कि इस जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गुरुद्वारा साहिब पर तिरंगा ना फहराने की हिदायत भी दी जा रही है. कमेटी इससे पहले भी गुरुद्वारों पर तिरंगा ना फहराने की हिदायत जारी कर चुकी है। सिखों की इस सर्वाच्च कमेटी का मानना है कि सिख मर्यादा के अनुसार किसी भी गुरुद्वारा साहिब पर सिर्फ खालसा केसरी झंडा ही फहराया जा सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने गुरुद्वारों पर तिरंगा फहराने की बात कही थी। इसके बाद कमेटी ने ऐतराज जताया तो हरियाणा सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा था।