must read : शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता बोले- मैं उसे गीता दिलाने की सोचता था, वह तो खुद कृष्ण निकला बेटा आज हमारे बीच नहीं है। उसकी कमी तो हमेशा खलेगी, लेकिन वह जिस वजह से हमारे बीच नहीं है, उस पर हमें गर्व है। वह अपने देश के लिए हमें छोडक़र गया है। दिल मांगे मोर का नारा देने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य से करीब 5 चौकियों पर फतह हासिल करते हुए अपनी जान क़ुर्बान कर दी थी।
हर साल करते हैं आयोजन अपना समूह द्वारा कुछ साल पहले शुरू किए गए तिरंगा अभियान के तहत देश का विशाल और मानक स्तर का तिरंगा झंडा हर साल 15 अगस्त को किसी शहीद के परिवार के हाथों फहराया जाता है। इंदौर के रीगल तिराहे के ध्वजारोहण कार्यक्रम के आयोजक प्रकाश राठौर पिछले 10 साल से यह आयोजन करते आ रहे हैं। प्रत्येक वर्ष देशभक्ति की मिसाल और अदम्य साहस का परिचय देने वाले लोग या उनके परिजनों को यहां आमंत्रित कर उनके द्वारा झंडा वंदन करवाते आ रहे है। आयोजन के दौरान सैकड़ों की संख्या में शहरवासी भी इस क्षण के गवाह बने।