शनिदेव की शुभता और अशुभता जातक की जन्म पत्रिका में स्थित ग्रहों की स्थिति, दृष्टि और आपसी संबंधों का आकलन कर ज्ञात की जा सकती है। शनिदेव जन्मपत्रिका में जहां बैठते हैं, उस भाव को बढ़ाते है और जहां उनकी दृष्टि पड़ती है, उस भाव को खराब करते हैं। वृषभ और तुला राशि वालों के लिए शनिदेव कारकेश अर्थात बहुदा लाभप्रद रहते हैं। अश्विनी, मघा, मूल, विशाखा, पुनर्वसु नक्षत्र पर उत्तम फ ल और पुष्य, अनुराधा, मृगशिरा, धनिष्ठा व भरणी नक्षत्र पर अशुभ फ ल देता है। मकर के शनि मेष, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, मीन राशियों के लिए लाभदायक हैं। मिथुन, कुंभ पर अशुभ तथा धनु, मकर व तुला पर सम प्रभाव पड़ेगा।
शनिदेव का मकर राशि में प्रवेश राजगृही व शश योग को बनाता है। भारत की कर्क राशि है और शनि सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे, जो कि भारत की आंतरिक व बाहरी स्थिति को मजबूत बनाता है। दूसरे देश से व्यवहार मित्रता और सहयोग प्राप्त होगा। शत्रु परास्त होंगे। राजनीतिक दलों में उलटफेर होगा। दल-बदल की स्थिति बनेगी। भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।