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आज से शनि की उल्टी चाल, प्रचंड गर्मी-राजनीति में बदलाव के साथ राशियों पर होगा ये प्रभाव

locationइंदौरPublished: Apr 30, 2019 01:59:37 pm

आज से शनि की उल्टी चाल, प्रचंड गर्मी-राजनीति में बदलाव के साथ राशियों पर होगा ये प्रभाव

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आज से शनि की उल्टी चाल, प्रचंड गर्मी-राजनीति में बदलाव के साथ राशियों पर होगा ये प्रभाव

इंदौर. न्याय के देवता व आकाशीय संसद के राजा सूर्यपुत्र शनि ने आज सुबह 6.25 बजे धनु राशि में रहते अपनी वक्र गति से चलना प्रारंभ कर दिया है। वे 18 सितंबर तक उल्टी चाल चलेंगे। इस बार शनि मंगलवार को वक्री हो रहे हैं। वैशाख मास में पांच शनिवार का योग भी बन रहा है। जिस राशि के जातकों की कुंडली में शनि वक्री हो और आकाश में भी वक्री हो तो अशुभ फल देता है। यदि कुंडली में शनि मार्गी हो और वैसे व्रक्री हो तो उनको मिश्रित फल देता है। वहीं कई राशियों के लिए शनि शुभ हैं, उनकी शुभता में वृद्धि होगी। गुरु और अंगारक योग व कालपुरुष कुंडली में षडाष्टक योग होने से अपराध और दुर्घटनाओं में वृद्धि होगी और महंगाई बढ़ेगी।
पं. सुरेश शास्त्री के अनुसार सूर्यपुत्र शनि आज सुबह से वक्री हो गए हैं। इस वर्ष के राजा शनि का वक्री होना शनि प्रधान व्यक्तियों के लिए विशेष शुभप्रद रहेगा, लेकिन जिन जातकों की राशि में शनि अशुभ प्रभाव में हैं, उस अशुभता में वृद्धि भी अधिक रहेगी। शनि का धनु राशि में वक्रत्व काल 18 सितंबर तक रहेगा। शनि केतु की युति के चलते मंगल से शनि का षडाष्टक योग राजनीतिक क्रांति के साथ-साथ आतंकवाद में वृद्धि करता है। जिन राशियों के लिए वे शुभ हैं, उनकी शुभता में वृद्धि होगी। शनि केतु की युति के चलते मंगल से शनि का षडाष्टक योग राजनीतिक क्रांति के साथ-साथ आतंकवाद, अपराध और दुर्घटनाओं में वृद्धि करेगा और महंगाई बढ़ेगी। सोने-चांदी के भावों में वृद्धि होगी, शेयर मार्केट में उछाल आएगा।
शांति के लिए ये करें उपाय

पं. घनश्याम शर्मा के अनुसार इस वर्ष के राजा शनि का वक्री होना शनि प्रधान व्यक्तियों के लिए विशेष शुभप्रद रहेगा, लेकिन जिन जातकों की कुंडली में शनि अशुभ प्रभाव में हैं, उस अशुभता को कुछ आसान उपायों से कम किया जा सकता है। जिन जातकों के लिए शनि कष्टकारी हैं, उन्हें शनि मंत्र का जाप, शनि चालीसा, शनि महाकाल महामृत्युंजय स्त्रोत का पाठ, दशरथ-कृत शनि स्रोत का नित्य तीन बार पाठ, सरसों के तेल से शिव का रुद्राभिषेक करना लाभप्रद रहेगा। शनि ग्रह न्याय के देवता हैं। जिन राशि के जातकों पर प्रभावशाली ग्रह शनि की कुदृष्टि पड़ रही हो, उन्हें शनिवार व्रत के साथ शनि ग्रह को तेल अर्पित कर पूजा करनी चाहिए। शनि ग्रह शांति के लिए बजरंग बली की पूजा फलदायी होती है। काली वस्तुओं का दान करने, जूता, छाता, काले तिल का दान करने से अशुभता का प्रभाव कम होता है।
अच्छी बारिश भी करवाएंगे

पं. राजकुमार चतुर्वेदी के अनुसार के अनुसार शनि ग्रह के वक्री होने के कारण आंधी, तूफान, अतिवृष्टि या तपन हो सकती है। गुरु भी 25 अप्रैल से वक्री चल रहे हैं। दोनों ग्रहों के वक्री होने के कारण धरती की ऊष्मता यानि गर्मी बढ़ेगी। शनि ग्रह मंगल की राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ग्रहों के राजा शनि ओज के ग्रह मंगल की राशि में जाएंगे तो प्रचंड गर्मी के योग बनेंगे। इस दौरान चक्रवात आएंगे, तेज हवा चलेगी। इसके साथ ही शनि अच्छी बारिश भी करवाएंगे।
इन राशियों पर पड़ेगा ऐसा प्रभाव

– मेष राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट हो सकता है।
– वृष राशि वालों को हृदय से संबंधित विकार हो सकते हैं।
– मिथुन राशि के लिए स्थिति सामान्य रहेगी।
– कर्क राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन फायदेमंद साबित होगा।
– सिंह राशि वालों को उदर विकार की आशंका।
– कन्या राशि के जातकों को शत्रुओं से सावधान रहना होगा।
– तुला राशि के जातकों के विवाह में व्यवधान आएगा।
– कन्या राशि के लोगों को धन सम्बंधी से लेन-देन से परेशानी हो सकती है।
– धनु राशि के जातकों के लिए शुभ प्रभाव होगा।
– मकर राशि के लोगों को रक्त सम्बंधी विकार हो सकता है।
– कुम्भ राशि वालों के लिए लाभ का अवसर।
– मीन राशि के जातकों की उन्नति के नए आयाम बनेंगे।
– वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा।
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