मंदिर के प्रमुख पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया, सुबह महाअभिषेक के बाद विशेष श्रृंगार किया गया। भंडारे के प्रसाद का भोग लगाने के बाद ३१ प्रमुख मंदिरों में प्रसादी पहुंचाकर भोग लगाने के बाद १०१ बटुकों को भोजन करवाया गया। शाम को १०८ दीपों से आरती के बाद भंडारा शुरू हुआ। शहर में एकमात्र शाही भंडारा होता है। इसमें आने वाले भक्तों को सम्मान से व्यवस्थित रूप से पाठ पर प्रसाद दिया जाता है। शाही भंडारे का आयोजन इस तरह होता है कि जैसे पारिवारिक माहौल में भोजन करवाया जा रहा हो। भगवान को राम भाजी, छोले, नुकती, लोंजी और पूरी का भोग अर्पित किया जाता है। भंडारे में देर रात तक हजारों की संख्या में प्रसाद लेने के लिए भक्त पहुंचते रहे। सुबह से ही मंदिर में बाबा के दर्शन को भक्तों की लंबी भीड़ रही। पूरा मंदिर परिसर फूलों की खुशबू और महाप्रसादी से महक रहा था।