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शास्त्री ब्रिज के नीचे बोगदे में शुक्ला ब्रदर्स का‘अवैध’ दफ्तर

locationइंदौरPublished: Jul 18, 2019 02:36:30 pm

शास्त्री ब्रिज के नीचे चल रहा ऑफिस निगम दस्तावेज में अलाटमेंट की कोई जानकारी नहीं

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शास्त्री ब्रिज के नीचे बोगदे में शुक्ला ब्रदर्स का‘अवैध’ दफ्तर

इंदौर. शुक्ला ब्रदर्स शास्त्री ब्रिज के नीचे बने बोगदे में अपना दफ्तर चला रहे हैं। यह दफ्तर उन्हें किसने और किस आधार पर अलॉट किया गया, इसका कोई दस्तावेजी प्रमाण नगर निगम के पास नहीं है। निगम के तमाम विभागों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि आखिर किस आधार पर यह दफ्तर चल रहा है।
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शास्त्री ब्रिज पर छोटी ग्वालटोली थाने की ओर उतरने के लिए सीढिय़ां बनाई गई थी। ये सीढिय़ां यहां ट्रैफिक निकलने के लिए बने बोगदे से लगाकर ही बनाई गई थी। इन्हीं सीढिय़ों के नीचे की खाली जगह पर शुक्ला ब्रदर्स की बसों के संचालन का काम किया जाता है। नगर निगम में पुलों का काम देखने वाले विभाग पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के पास इस दफ्तर को लेकर कोई जानकारी नहीं है।
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इसी तरह से नगर निगम की दुकानों का काम मार्केट शाखा के पास है, जो शहर में मौजूद नगर निगम की संपत्ति पर बनी दुकानों-दफ्तर का अलॉटमेंट करती है। इस विभाग के पास भी इस दुकान के अलॉटमेंट के कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है। पुल प्रकोष्ठ का कहना है कि वे केवल निर्माण करते हैं। वहीं मार्केट विभाग का कहना है कि उनके पास इस दुकान से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है।
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हमारा काम पुल बनाने का है। अलॉटमेंट की कोई जानकारी नहीं है।
अश्विन जनवदे, कार्यपालन यंत्री
बोगदे के अलॉटमेंट की जानकारी नहीं है। ये हमारे रिकॉर्ड में भी दर्ज नहीं है।
लोकेंद्रसिंह सोलंकी, मार्केट शाखा

बोगदे में दफ्तर खोलने की अनुमति यदि नहीं है तो हम उसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।
देवेंद्रसिंह, अपर आयुक्त
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जनता होती है परेशान
पुल के नीचे बोगदे में कब्जा करने के साथ ही उसके बाहर के हिस्से में भी शुक्ला ब्रदर्स का कब्जा है। यहां बाहर शेड लगाया गया है, जिसके नीचे अधिकतर कुछ लोग बैठे रहते हैं। जबकि यहां सडक़ घुमावदार होने तथा बसें भी आकर रूकने से यहां से गुजरने वाले आम लोगों को परेशानी होती रहती है।
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कब्जा हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं
नगर निगम के पास रिकॉर्ड नहीं होने के बाद भी बोगदे के नीचे के कब्जे को हटाने के लिए नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है। निगम अफसर इसे लेकर चुप्पी साध लेते हैं।

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