scriptश्वेतांबर जैन महासंघ द्वारा आयोजित जैन संस्कार शिविर का समापन | Shwetambar Jain Mahasangh | Patrika News

श्वेतांबर जैन महासंघ द्वारा आयोजित जैन संस्कार शिविर का समापन

locationइंदौरPublished: Jun 01, 2018 12:44:44 pm

शीतलमुनि ने दिए प्रवचन, अच्छे संस्कारों से बढ़ती है व्यक्ति की साख

इंदौर. मानव जीवन में अच्छे संस्कारों का होना जरूरी है। इससे व्यक्ति की साख बढ़ती है। संस्कारों से क्रोध पर नियंत्रण किया जा सकता है और इससे मैत्री भाव बढ़ता है। गुरुवार को शीतलमुनि मसा ने अभा श्री श्वेताम्बर जैन महासंघ द्वारा आयोजित पांच दिवसीय जैन संस्कार सृजन शिविर के समापन अवसर पर उक्त बातें कहीं।
मुख्य अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नरेन्द्र धाकड़ ने बच्चों से कहा कि वे प्रात:काल अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करें, क्योंकि घर-परिवार में सबसे अच्छे संस्कार माता-पिता से ही मिलते हैं। समय का सदुपयोग करें और बचत की आदत डालें।
साथ ही नीतिगत बातें सीखें। हेमप्रज्ञा श्रीजी ने कहा कि संस्कारों का रोपण बालपन से ही होना चाहिए। शुचिता, ईमानदारी, अहिंसा, सत्य, अनुशासन ये सभी संस्कार ही है। बड़ों का आदर सत्कार करना और पर्यावरण की रक्षा करना भी एक तरह का संस्कार ही है। महासंघ के अध्यक्ष चंदनमल चौरडिय़ा ने कहा अगली बार से संस्कार शिविर में एक हजार से अधिक बच्चों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस मौके पर महासंघ के डॉ प्रकाश बंगानी, कैलाश नाहर, भंवरलाल कांसवा, विमल तांतेड़ और प्रकाश कांकरिया ने शिक्षकों का सम्मान किया। शिविर की जानकारी देते हुए शिविर प्रभारी राजेन्द्र जैन ने बताया इस बार शिविर में 530 बच्चों ने भाग लिया।
महासंघ की ओर से सभी बच्चों को प्रमाण पत्र तथा ड्राइंग एवं अन्य प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को आकर्षक उपहार दिए । अतिथि स्वागत पारसमल बेताला, सुभाष संघवी, योगेन्द्र सांड आदि ने किया। शिविर का संचालन राजेन्द्र जैन और आभार कीर्ति शाह ने माना । अंत में सभी बच्चों को पानी बचाने की शपथ दिलाई गई।
परमात्मा का भाव जीव मात्र को आनंद देने का होता है। सृष्टि में ठाकुरजी की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। यह मान कर चलें कि हम सबके जीवन में आनंद की वर्षा की हर बूंद भगवान की कृपा का फल है और दुखों का सैलाब यदि आता है तो उसके लिए हम खुद एवं हमारे कर्म जिम्मेदार हैं।

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