तीन माह के आंकड़ों को देखें तो जुलाई की तुलना में ३१ प्रतिशत कम कारोबारियों ने सितंबर का टैक्स भरा है। जुलाई माह में निर्धारित कर से कम राजस्व जमा होने पर राज्य सरकार को ४३३ करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि केंद्र से मिली है।
टैक्स कलेक्शन में टॉप-10 से बाहर
संशोधन के पहले हर माह का अनुमानित टैक्स भरना होता था। अब १.५ करोड़ रुपए सालाना कारोबार करने वालों के लिए तिमाही रिटर्न की व्यवस्था लागू की है। इसके बाद कभी माइग्रेशन में देश में नंबर वन रहने वाला प्रदेश अब टैक्स कलेक्शन में टॉप-१० राज्यों में भी नहीं है। केंद्र सरकार का औसत ५१ से ५५ प्रतिशत है, इसमें भी राज्य फिट नहीं बैठ रहा।
संशोधन के पहले हर माह का अनुमानित टैक्स भरना होता था। अब १.५ करोड़ रुपए सालाना कारोबार करने वालों के लिए तिमाही रिटर्न की व्यवस्था लागू की है। इसके बाद कभी माइग्रेशन में देश में नंबर वन रहने वाला प्रदेश अब टैक्स कलेक्शन में टॉप-१० राज्यों में भी नहीं है। केंद्र सरकार का औसत ५१ से ५५ प्रतिशत है, इसमें भी राज्य फिट नहीं बैठ रहा।
सितंबर में मात्र ४१ प्रतिशत ने ही जीएसटीआर ३ बी जमा किया है। काउंसिल द्वारा प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जो प्रयोग किए जा रहे हैं, उसका विपरीत असर हो रहा है। विभाग ने व्यापारियों को फिलहाल फ्री हैंड दिया है।
इसलिए बढ़ी चिंता
जुलाई का हिसाब-किताब पूरा होने के बाद यदि देखें तो प्रदेश को जीएसटी से मिलने वाले राजस्व में कमी आई है। सरकार उन कारोबारियों को लेकर चिंतित है, जो जनता से तो टैक्स वसूल रहे हैं, पर सरकार को जमा नहीं कर रहे हैं।
जुलाई का हिसाब-किताब पूरा होने के बाद यदि देखें तो प्रदेश को जीएसटी से मिलने वाले राजस्व में कमी आई है। सरकार उन कारोबारियों को लेकर चिंतित है, जो जनता से तो टैक्स वसूल रहे हैं, पर सरकार को जमा नहीं कर रहे हैं।
टैक्स पेयर्स की स्थिति
– ३.०६ लाख करोबारी जीएसटी के दायरे में
– ३६ हजार कंपोजिशन में आए कारोबारी डीम्ड असेसमेंट व वैट रिटर्न की तारीख बढ़ाने की मांग
टैक्स प्रेक्टिशनर्स ने वाणिज्यिक कर आयुक्त राघवेन्द्र सिंह को बताया, डीम्ड असेसमेंट की तिथि ३१ अक्टूबर है, लेकिन जीएसटी की व्यस्तता के कारण आवेदन जमा करने का भी समय नहीं मिल रहा है। आयकर और वैट की ऑडिट रिपोर्ट भी इसी माह सबमिट होना है। जीएसटी आर १ व २ की भी तिथियां हैं। सीटीपीए के एके गौर, मप्र टैक्स ला बार एसो. के अश्विन लखोटिया, केदार हेड़ा, आरएस गोयल व अमित दवे ने बताया, डीम्ड असेसमेंट मंे मुश्किल आएगी। तिथि ३१ दिसंबर तक कर दी जाए। आयुक्त ने प्रस्ताव सरकार को भेजने का आश्वासन दिया है।
– ३.०६ लाख करोबारी जीएसटी के दायरे में
– ३६ हजार कंपोजिशन में आए कारोबारी डीम्ड असेसमेंट व वैट रिटर्न की तारीख बढ़ाने की मांग
टैक्स प्रेक्टिशनर्स ने वाणिज्यिक कर आयुक्त राघवेन्द्र सिंह को बताया, डीम्ड असेसमेंट की तिथि ३१ अक्टूबर है, लेकिन जीएसटी की व्यस्तता के कारण आवेदन जमा करने का भी समय नहीं मिल रहा है। आयकर और वैट की ऑडिट रिपोर्ट भी इसी माह सबमिट होना है। जीएसटी आर १ व २ की भी तिथियां हैं। सीटीपीए के एके गौर, मप्र टैक्स ला बार एसो. के अश्विन लखोटिया, केदार हेड़ा, आरएस गोयल व अमित दवे ने बताया, डीम्ड असेसमेंट मंे मुश्किल आएगी। तिथि ३१ दिसंबर तक कर दी जाए। आयुक्त ने प्रस्ताव सरकार को भेजने का आश्वासन दिया है।