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युवाओं के पास हथियारों का जखीरा, सोशल मीडिया से ही चल रही खरीद-फरोख्त

locationइंदौरPublished: Nov 09, 2017 03:09:31 pm

कुछ युवा वारदात करने तो कुछ सिर्फ दिखावा करने के लिए हथियारों के शौकीन हो गए हैं। फेसबुक और वाट्सअप से इसकी खरीदी-बिक्री भी चल रही है।

side effects of social media

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भूपेन्द्रसिंह@ इंदौर. पुलिस को अगर ये गलतफहमी है कि उसकी सख्ती से शहर में हथियारों की खरीद-फरोख्त बंद हो चुकी है तो उसे सोशल मीडिया पर सक्रिय हो जाना चाहिए। कुछ युवा वारदात करने तो कुछ सिर्फ दिखावा करने के लिए हथियारों के शौकीन हो गए हैं। फेसबुक और वाट्सअप से इसकी खरीदी-बिक्री भी चल रही है।
side effects of social media
हथियारों का जो प्रदर्शन सोशल मीडिया पर चल रहा है, वह हैरत में डालने वाला है। युवाओं में हथियार रखने की होड़ मची हुई है। इसमें संभ्रांत परिवार के बच्चे भी शामिल हैं, जो अमूमन ऐसी चीजों से दूर रहते थे, लेकिन दूसरों को फेसबुक पर फोटो शेयर करते देख वे भी इसमें जुड़ गए हैं। ये समझे बगैर कि ये शौक कितना खतरनाक साबित हो सकता है। छोटी-मोटी बातों पर युवाओं के बीच विवाद में हथियार निकलना, बर्थ डे पार्टी में हवाई फायरिंग जैसी घटनाओं का आम होना इसका प्रमाण है कि शहर में रिवॉल्वर या बंदूक, तलवार बड़ी आसानी से मिल रही हैं।
ग्रुप में जुडक़र तलाशे किरदार
पत्रिका एक्सपोज ने ऐसे युवाओं को सामने लाने के लिए उनसे संपर्क साधा। कुछ दिन के प्रयास के बाद उन्होंने रिपोर्टर को ग्रुप में जोड़ा। बाद में उन लोगों के फेसबुक अकाउंट देखने पर पता चला कि ये सारे युवा पढ़ाई या पुरानी दोस्ती के कारण नहीं, हथियारों की अदला-बदली और शौक के कारण साथ हुए हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में है। इसमें कुछ होस्टल में रहने वाले छात्र भी शामिल हैं। इसके केंद्र में हैं वे असामाजिक तत्व, जो हथियारों का इंतजाम करते हैं।
फेसबुक पर हथियार के साथ पोस्ट करना गैरकानूनी काम है। ऐसे लोगों पर पहले भी हम कार्रवाई कर चुके हैं। हमारे साइबर क्राइम एक्सपर्ट सोशल मीडिया पर पूरी नजर रख रहे हैं। ज्यादातर युवा दिखावे के लिए ऐसा कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
-अमरेंद्रसिंह, एएसपी क्राइम ब्रांच
सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए पुलिस की साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम सक्रिय रहती है। इस टीम के सदस्य हर तरह के ग्रुप को देखते हैं। पुलिस के लिस्टेड गुंडों से लेकर आपराधिक कृत्यों में शामिल रहे हर व्यक्ति के अकाउंट को एक बार जरूर खंगाला जाता है कि उनकी इन दिनों क्या गतिविधियां चल रही हैं। इसके बावजूद इतने सारे ग्रुप और लोगों के हथियार लहराने के फोटो डालना चौंकाता है। इससे पुलिस की सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
पिस्टल भी उपलब्ध
सोशल मीडिया पर सक्रिय इन युवाओं के हाथ में चाकू, पिस्टल, तलवार के साथ ऐसे हथियार भी देखने को मिल रहे हैं, जिन पर पुलिस की नजर नहीं पड़ रही। इस तरह की गतिविधियों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में दबे-छुपे रूप से भारी मात्रा में अवैध हथियार मौजूद हैं।
शिकायत का इंतजार कर रही पुलिस
पुलिस अफसर मानते हैं कि सोशल मीडिया पर ऐसे तत्व सक्रिय हैं, जो युवाओं को बरगला रहे हैं, लेकिन उसका कहना है कि जब तक कोई शिकायत नहीं करे, तब तक कार्रवाई कैसे करें? हालांकि बीते कुछ समय में पुलिस ने ऐसे तीन लोगों पर कार्रवाई की है, जो फेसबुक पर हथियार लहराते फोटो पोस्ट कर रहे थे।
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