समिति अध्यक्ष जीतू दीवान ने बताया कि करीब दो माह पहले एनसीसी के आवेदन पर कलेक्टर और डीइओ ने मिलकर प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेज दिया था। इसमें स्कूल और परिसर दोनों को एनसीसी को देने की तैयारी है। यह स्कूल सैकड़ो साल पुराना है। अगर उपयोग करना है तो स्कूल के ऊपरी हिस्से में कॉलेज शुरू किया जा सकता है। इस स्कूल से कई नामी लोग पढ़कर बाहर निकले है, जो समाज और देशसेवा में लगे हुए है। दिवान ने बताया कि हम दो माह से लगातार विरोध कर रहे है, लेकिन कलेक्टर और डीइओ अपनी जिद पर अड़े हुए है।
तीन दिन तक अभियान समिति के अजय टाक ने बताया कि आज से स्कूल परिसर के बाहर ही हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जा रहा है। जो कि तीन दिन चलेगा। तीन दिन में हजारों हस्ताक्षर करवाकर मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और प्रमुख सचिव को भेजें जाएंगे अगर पांच दिन में कलेक्टर ने प्रस्ताव निरस्त नहीं किया तो स्कूल के दर्जनों भूतपूर्व छात्र स्कूल परिसर में ही अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल करेंगे।
स्कूल बांट रहे हिस्सों में समिति के राजेश तंवर ने बताया कि महाराज शिवाजी राव स्कूल धरोहर है। इस स्कूल को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी की जा रही है। हाल ही में कलेक्टर और डीइओ ने मिलकर स्कूल का ऊपरी हिस्सा एनसीसी को देने की तैयारी कर ली है। अगर ऐसा हेाता है तो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी।