सम्मेलन में बोले यह अतिथि
– वरिष्ठ समाज सेवी राम बक्शानी ने कहा, सिंधी पानी की तरह है। आजादी के बाद सिंधी जहां जहां भी गए वहां पानी की तरह सभी अन्य समाजों में घुल मिलकर रहने लगे और यही उनकी तरक्की का आधार व कारण है। सिंधी परम्पराओं, व्यंजनों, संस्कृति व सभ्याता को हर हालत में जीवित रखने का आव्हान करते हुए कहा कि यही हमारी पहचान है, जिसे अगर भूलाया गया तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
– वरिष्ठ समाज सेवी राम बक्शानी ने कहा, सिंधी पानी की तरह है। आजादी के बाद सिंधी जहां जहां भी गए वहां पानी की तरह सभी अन्य समाजों में घुल मिलकर रहने लगे और यही उनकी तरक्की का आधार व कारण है। सिंधी परम्पराओं, व्यंजनों, संस्कृति व सभ्याता को हर हालत में जीवित रखने का आव्हान करते हुए कहा कि यही हमारी पहचान है, जिसे अगर भूलाया गया तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
– सम्मेलन के मुख्य अतिथि वासु श्राफ ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इतनी अधिक संख्या में प्रतिनिधि दुबई में जुटे हैं, जो कि एक रिकार्ड है। आपने सिंधी भाषा को हर हालत में जीवित रखने एवं बोलचाल में इसका इस्तेमाल करने पर जोर दिया।
– विशेष अतिथि अशोक सावलानी ने कहा, जिन्होंने भारत देश में अनेक शहरों के सिंधी गरीब परिवारों के लिए आवास योजना को अंजाम देकर उनका जीवन स्तर उठाने का महत्वपूर्ण काम किया है वे सम्माननीय हैं।
– विशेष अतिथि अशोक सावलानी ने कहा, जिन्होंने भारत देश में अनेक शहरों के सिंधी गरीब परिवारों के लिए आवास योजना को अंजाम देकर उनका जीवन स्तर उठाने का महत्वपूर्ण काम किया है वे सम्माननीय हैं।
– डॉ. आशा चांद ने कहा, सिंधी अरबी लिपि का ज्ञान आज की युवा पीढ़ी व छोटे स्कूली विद्यार्थियों को किस तरह से दिया जा सकता है, उस पर योजना बनाने की जरूरत है।