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जन्मदिन विशेष : यह शख्स भजन की तरह 24 घंटे गाता है किशोर दा के गीत, देखें वीडियो

locationइंदौरPublished: Aug 04, 2018 01:36:36 pm

Submitted by:

Sanjay Rajak

आठ वर्ष की उम्र से गा रहे, मुंबई से अमेरिका तक किए शो
 

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संजय रजक. इंदौर. किशोर कुमार भले ही हमारे बीच नहीं रहे हों, लेकिन उनके गाए गीत ताकयामत लोगों के जेहन में रचे-बसे रहेंगे। उनका चुलबुलापन जिंदा रहेगा। गायकी के क्षेत्र में नए आयाम रचने वाले किशोर दा को दुनिया से रुखसत हुए 31 साल हो चुके हैं। उनकी मस्तीभरी, खिलंदड़ व सुरीली आवाज को हमारे शहर के हरफनमौला चिंतन बक्कीवाला भी जीवंत रखे हुए हैं। इंदौर से मुंबई तक और मुंबई से अमेरिका तक वे किशोर को गा चुके हैं। चिंतन एक अच्छे गायक तो हैं ही, अभिनय में भी हाथ आजमा चुके हैं। यह नाम अब किसी पहचान का मोहताज नहीं है। किशोर के जन्मदिवस पर न्यूज टुडे ने उनसे बात की-
चिंतन से किशोर कैसे हो गए, इससे पहले का बताएं?

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मैं पांचवीं कक्षा में था, तब स्कूल में पहला गीत गाया। बोल थे- मुसाफिर हूं यारों…। उस वक्त नहीं पता था कि गायक कौन है? विविध भारती पर गीत सुनता था। रेडियो पर दोबारा ये गाना सुना तो दिल को छू गया। मां ने इसे मुझे लिखकर दिया। इसी तरह ‘लहरों की तरह यादें…’ सुना तो मां से पूछा कि ये कौन गाता है, उन्होंने बताया कि ये किशोर दा हैं। उनके बारे में काफी बातें बताईं। उसी समय दादा से रुहानी रिश्ता कायम हो गया था। इसके बाद उनके ही गाने गुनगुनाने-गाने लगा।
सुना है किशोर के निधन की खबर सुन तीन दिन खाना नहीं खाया?

ये सही है। जब दादा का निधन हुआ तो मैंने तीन दिन तक कुछ नहीं खाया। मुझे अस्पताल तक ले जाना पड़ा। मां ने कसम देकर खाना खिलाया। उन्होंने कहा कि किशोर दा के गाने गाओ, एक दिन देश-दुनिया में नाम कमाओगे। आज मां की बात सही साबित हुई है।
आपने उन्हें ही कॉपी करना क्यूं चुना, रफी या मुकेश को क्यूं नहीं?

मुझे किशोर दा की आवाज बचपन से ही भा गई थी, क्योंकि मेरी आवाज भी उनकी तरह ही है। इसके बाद मैं उनके रियर गाने गाने लगा। यह दौर सन् 1992-93 का था।
बॉलीवुड में गायन व अभिनय भी किया है?

के ऑफ किशोर रियलिटी शो के दौरान दो ऑफर मिले थे। पहला गाना गुजराती गाया था। इसके बाद बंगाली और पंजाबी। फिल्म विजय तिलक में पहली बार गाने के साथ एक्टिंग भी की। इसके बाद कई भोजपुरी फिल्म के लिए ऑफर आए, लेकिन मुझे गायन के क्षेत्र में पहचान बनानी थी, इसलिए मना कर दिया। मैं ‘प्रॉब्लम, नो प्रॉब्लमÓ वेब सीरीज में जज भी रहा हूं।
बायोपिक का दौर चल रहा है, किशोर दा पर बने तो क्या आप करना चाहेंगे?

आज तक यह प्रश्न किसी ने नहीं पूछा है। किशोर दा की बायोपिक को लेकर पहले प्लान हुआ था, लेकिन बात नहीं बन पाई। इसके बाद रणवीर कपूर और कैटरीना को लेकर भी प्लान हो रहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। नाम बड़ा होता है तो प्रोड्यूसर पैसा लगाते हैं। दो-तीन साल में नाम बड़ा हो जाए, फिर ऑफर आएगा तो जरूर पर्दे पर किशोर दा का रोल करूंगा।
आपका कंस्ट्रक्शन का कामकाज है, ऐसे में किशोर दा को कैसे जीते हैं?

किशोर दा को जीने के लिए अलग से समय नहीं निकालना पड़ता। वे मेरी शक्ति हैं, आदर्श हैं। पहली बार बता रहूं कि रात को उनका एक इन्स्परेशनल गाना सुनकर सोता और सुबह सुनकर ही उठता हूं। दिनभर काम के दौरान भी दादा और मां मेरे जेहन में रहते हैं। उनका गाया ये गीत मुझे हमेशा राह दिखाता है- रुक जाना नहीं, तू कहीं हार के/ कांटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के।
आपकी बिटिया सौंदर्या भी गाने लगी है, क्या वह भी इसी फील्ड में करियर बनाएंगीं?

वह अभी संगीत सीख रही है। आने वाले समय में वह परफॉर्म भी करेगी, लेकिन अभी पढ़ाई कर रही है। सौंदर्या का लक्ष्य अभी निर्धारित नहीं है। वह फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी कर रही है। हो सकता है भविष्य में वह फैशन डिजाइनिंग के साथ सिंगिंग क्षेत्र में भी काम करे।
शाम को सजेगी महफिल, बांगडू गाएंगे गाना

किशोर कुमार के जन्मदिन पर आज शहर में जश्न मनाया जा रहा है। शाम को एयरपोर्ट रोड स्थित गौतम आश्रम में युवा गायक शैलेंद्र बरोले प्रस्तुत देंगे। पिछले चार साल से किशार दा के जन्मोत्सव पर यह आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य रुप से हाईकोर्ट एडवोकेट विकास डागा, वैश्य महासम्मेलन अध्यक्ष धीरज खंडेलवाल होंगे।
शैलेंद्र बरोले ने बताया कि बचपन से ही किशोर कुमार के फैन रहे हैं। स्कूल-कॉलेज में किशोर दा के गानों पर परफॉर्मेंस किया करते थे। पिछले चार साल से स्टेज शो कर रहे हैं। आज भी शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक लगातार किशोर कुमार के गाने गाएंगे। कार्यक्रम के दौरान शहीद बाबूशंकर शुक्ला के पिता रामशंकर शुक्ला का सम्मान भी किया जाएगा।

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