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70 मकान टूटे, अब तोडफ़ोड़ पर हाई कोर्ट की रोक

locationइंदौरPublished: Apr 16, 2018 09:18:36 pm

Submitted by:

amit mandloi

– कड़ाव घाट, मच्छी बाजार, रावजी बाजार और चंद्रभागा सहित अन्य क्षेत्रों में निगम की कार्रवाई को हरी झंडी

high court
– १९ अप्रैल को फिर होगी सुनवाई

– गंगवाल टू सरवटे बस स्टैंड सडक़ चौड़ीकरण पर फिर लगा बै्रक

इंदौर. गंगवाल से सरवटे बस स्टैंड के बीच ८० फीट चौड़ी सडक़ के बाधक निर्माण हटाने की नगर निगम की मुहिम पर एक बार फिर ब्रैक लग गया है। जिस मास्टर प्लान का हवाला देकर नगर निगम क्षेत्र में सालों पुराने निर्माण तोड़ रहा है उसी मास्टर प्लान के नियमों को आधार पर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने मध्यक्षेत्र में सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर चल रही तोडफ़ोड़ पर रोक लगाई है। सीनियर एडवोकेट आनंद मोहन माथुर के माध्यम से मच्छी बाजार, कड़ाव घाट, चंद्रभागा और रावजी बाजार के कुछ रहवासियों ने सोमवार सुबह ही याचिका दायर की थी। मेंशन आवेदन पेश करने पर करीब १२.४५ बजे सुनवाई हुई थी। जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस एसके अवस्थी ने करीब ३० मिनिट तक याचिककर्ता और नगर निगम का पक्ष सुनने के बाद शाम पांच बजे तोडफ़ोड़ पर अगले आदेश तक रोक के आदेश जारी किए हैं। १९ अप्रैल को इसके सहित तोडफ़ोड़ के खिलाफ दायर अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी।
सीनियर एडवोकेट माथुर ने बताया, मास्टन प्लान के नियमों के मुताबिक मध्यक्षेत्र में सडक़ चौड़ीकरण के लिए कोई भी पुराना निर्माण तोड़ा नहीं जा सकता है। वहां पर पहले से बने निर्माण को यदि उसका मालिक तोडक़र नया बनाना चाहता है तो फिर उसे मास्टर प्लान की शर्तों के मुताबिक ही इजाजत दी जाती है, लेकिन किसी भी स्थिति में पुराना निर्मााण नहीं तो ड़ा जा सकता है। माथुर ने कोर्ट के समक्ष तर्क रखे कि मच्छी बाजार, कड़ाव घाट, चंद्रभागा, रावजीबाजार सहित सिवाटपरा आदि क्षेत्र मध्यक्षेत्र में ही आता है इसलिए यहां तोडफ़ोड़ करने का नगर निगम को कोई अधिकार नहीं है।
याचिका पर नगर निगम की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट मनोज मुंशी ने कहा, इन निर्माओं को तोडऩे के लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी खारिज हो गई है और निगम को एपेक्स कोर्ट ने सडक़ चौड़ीकरण की इजाजत दी है। इस पर माथुर ने कहा मास्टर प्लान निमयों का मुद्दा एसएलपी में नहीं था और न यह बिंदु पर फैसला दिया है। कोर्ट ने तर्कों से सुनने के बाद अगले आदेश तक तोडफ़ोड़ पर रोक लगा दी है।
कड़ावघाट में 70 मकान जमींदोज

– फिर चली पोकलेन, बचे 21 मकानों पर आज होगी कार्रवाई
कैच वर्ड – सरवटे से गंगवाल बस स्टैंड सडक़

नंबर गेम
7 पोकलेन मशीनें

5 बुलडोजर
300 से ज्यादा निगमकर्मी
200 से अधिक पुलिसकर्मी

इंदौर. सरवटे से गंगवाल बस स्टैंड के बीच बन रही करीब ८० फीट चौड़ी सडक़ में बाधक निर्माण हटाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक हटने के बाद सोमवार को एक बार निगर निगम की पोकलेन मशीनें कड़ावघाट क्षेत्र में गडग़ड़ाती नजर आईं। रिमूवल दस्ते ने इस दौरान ७० बाधक मकानों को पूरी तरह जमींदोज कर दिया। शेष २१ मकानों को मंगलवार को तोड़ा जाएगा। 6 मकानों पर हाइ कोर्ट का स्टे होने से इन्हें फिलहाल छोड़ा जा रहा है।
शहर के व्यस्ततम जवाहर मार्ग के विकल्प के रूप में आकार ले रही इस सडक़ निर्माण के लिए नगर निगम ने मच्छीबाजार से कड़ावघाट के बीच के बाधक १३० निर्माणों को हटाने का काम जनवरी में शुरू किया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट का स्टे आने के बाद निगम को कार्रवाई रोकना पड़ी। बीते गुरुवार को स्टे हटाने के बाद से निगम ने यहां कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी थी।
एक दिन पहले तैनात कीं ५ पोकलेन

नगर निगम ने 5 पोकलेन मशीनें जहां एक दिन पहले ही यहां तैनात कर दी थीं। वहीं 2 पोकलेन मशीनें और लेकर सोमवार को निगम का अमला यहां पहुंचा और रिमूवल कार्रवाई शुरू की। एक साथ सातों पोकलेन मशीनों को लगाकर बाधक मकान तोडऩे का काम शुरू किया गया। अधिकांश मकान मालिकों ने अपने बाधक हिस्से में झिरी लगाकर उसे पहले ही हटाने की तैयारी कर ली थी, जिसके चलते इन्हें तोडऩे में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
बड़े मकानों में हुई दिक्कत
छत्रीपुरा की ओर के हिस्से में कई चार मंजिला से भी बड़े मकानों के मालिकों ने कोई तैयारी नहीं की, जिससे इन्हें तोडऩे में रिमूवल टीम को खासी परेशानी हुई। कुछ मकानों को तोडऩे में दो-दो मशीनों को एक साथ लगाना पडा। जिसमें निगम को काफी दिक्कत का सामना भी करना पड़ा। शाम को 5.30 बजे कार्रवाई रोका गया, तब तक ७० मकान जमींदोज किए जा चुके थे। अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह के मुताबिक बचे हुए 21 मकान मंगलवार को तोड़े जाएंगे।
6 मकानों की जल्द सुनवाई का आवेदन

यहां के छह मकानों पर हाई कोर्ट का स्टे है। इनमें से एक मकान मालिक ने खुद ही अपना बाधक हिस्सा हटा लिया। नगर निगम ने हाईकोर्ट में इन 6 मकानों के मामले की जल्द सुनवाई के लिए आवेदन लगाया है।
पुलिस के कारण देर से शुरू हुई कार्रवाई
नगर निगम की टीमें कार्रवाई के लिए सुबह ९ बजे ही मौके पर पहुंच गईं, लेकिन आवश्यक पुलिस बल सुबह १०.३० बजे तक मौके पर ही पहुंचा। इस कारण कार्रवाई डेढ़ घंटे देरी से शुरू हो पाई।
पोकलेन खराब हुई तो दूसरी बुलाई

नगर निगम की एक पोकलेन कार्रवाई शुरू होने के आधे घंटे बाद ही खराब हो गई। दोपहर 1.१२ पर एक ओर पोकलेन मशीन छत्रीपुरा से हुलाई गई। कार्रवाई के दौरान १२.३० बजे के लगभग भी एक पोकलेन मशीन का बेल्ट उतर गया था, जिसे दूसरी पोकलेन की सहायता से वापस चढ़ाकर काम शुरू किया गया।
गर्मी से बेहाल रहे कर्मचारी
कार्रवाई के दौरान निगम कर्मचारी और पुलिस के जवान गर्मी से परेशान नजर आए। तेज धूप और धूल के गुबार से माहौल और घुटन भरा हो गया। अधिकांश पुलिस जवान कार्रवाई के दौरान छांव में बैठे रहे। वहीं निगमकर्मी भी इधर-उधर होकर कार्रवाई करवाते रहे। ज्यादा जगह नहीं होने से कर्मचारियों तक पीने के पानी की आपूर्ति भी सुचारू नहीं रही। कई कर्मचारी प्यास से परेशान दिख।
इंदौर से सीखना चाहिए सभी को

– स्टेट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मैनेजमेंट कंसलटेंट की टीम ने देखी कार्रवाई

इंदौर. स्मार्ट सिटी के कामों का असेसमेंट करने के लिए प्रदेश स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट की टीम सोमवार को इंदौर में थी। कंपनी ने इंदौर में स्मार्ट सिटी के कामों के दस्तावेजों का निरीक्षण किया। फिर इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी के एमडी और निगमायुक्त मनीष सिंह ने इन्हें बाधक निर्माण हटाने की कार्रवाई देखने कड़ावघाट भेजा। यहां पर कार्रवाई से प्रभावित टीम के चारों कंसलटेंट ने तहा, इंदौर का काम देखने लायक है। ग्वालियर और उज्जैन के काम में इतनी गति नहीं है। इंदौर से अन्य स्मार्ट सिटी के शहर सीख सकते हैं कि काम कैसे किया जाए।
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