must read : कमलनाथ ने कांग्रेस नेताओं को दिए संकेत, विधायकों की पसंद से ही होगा ये काम पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी इंदौर ने अगस्त 2018 से शहर में स्मार्ट मीटर लगाना प्रारंभ किए थे। सबसे पहला मीटर इंदौर के राजेंद्र नगर जोन के तहत परमाणु नगर फीडर के ओम हाईट्स भवन पर लगा था। इसके बाद ढाई दर्जन से ज्यादा फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। सभी फीडरों में 1500 से 2500 मीटर लगाए गए हैं। इन स्मार्ट मीटर से न केवल बिजली बिलों को लेकर किचकिच खत्म हुई है, बल्कि आपूर्ति में भी सुधार आया है। बिलों की वसूली को लेकर बिजली कंपनी का आर्थिक व्यय कम हुआ है। साथ ही तकनीकी दक्षता उच्च स्तर की होने से सभी कामकाज में तेजी आई है। ये स्मार्ट मीटर अपनी रीडिंग स्वयं करते हैं। रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक से एक टॉवर के माध्यम से रीडिंग बिजली कंपनी को पोलोग्राउंड कंट्रोल रूम स्वयं ही भेज देते हैं। इसी से काम तेज चल रहा है और बिजली चोरी पर अंकुश भी लग रहा है। 75 हजार मीटर पहले दौर में लगाए गए थे, अब दूसरे दौर में 45 हजार मीटर और लगाए जा रहे हैं। 31 जुलाई शाम की स्थिति में 80 हजार मीटरों की स्थापना हो चुकी है।
must read : स्वास्थ्य मंत्री बोले- मिलावटखोरों की जानकारी दो और इनाम में ले जाओ 11 हजार रुपए दो करोड़ की बिजली चोरी रुकी स्मार्ट मीटर लगने के बाद कंपनी ने अब तक 2 करोड़ की बिजली चोरी रोकी है। साथ ही 50 लाख रुपए का राजस्व बिजली काटने, जोडऩे, कर्मचारी- अधिकारी, वाहन लगाने व अन्य कामकाज के रूप में बचा है। इसके साथ ही आपूर्ति में भी पांच मिनट प्रतिदिन तक सुधार आया है। ये मीटर कंट्रोल रूम को सप्लाई बाधित होने की सूचना भी देते हैं। इससे गैंग तत्काल उस इलाकों में पहुंच जाती है, जहां बिजली गई होती है। अभी औसतन 23 घंटे 55 मिनट के आसपास प्रतिदिन सप्लाय हो रही है, जहां पहले 23 मिनट 50 सेकंड होती थी।
यहां लगे हैं स्मार्ट मीटर परमाणु नगर, बालदा कॉलोनी, मालगंज, सदर बाजार, दुर्गा कॉलोनी, राजबाड़ा, खजराना, खंडवा रोड, संगम नगर, मालवा मिल, एयरपोर्ट रोड की कॉलोनी, तिरूपति नगर, स्कीम 78, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स, महालक्ष्मी नगर एरिया, मैकेनिक नगर, खातीवाला टैंक, राऊ, उज्जैन रोड, कुशवाह नगर, मानसिक चिकित्सालय के पास स्मार्ट मीटर लगे हैं। कुल 33 फीडरों में इनकी स्थापना हो चुकी है। अन्य 12 फीडरों पर काम जारी है।
प्रीपेड मोड की फेसेलिटी संभव तत्कालीन एमडी आकाश त्रिपाठी के कार्यकाल में स्मार्ट मीटर का काम प्रारंभ हुआ था। भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस कैटेगरी के ये मीटर उच्चतम मापदंड से भरपूर हैं। इनकी पांच साल की गारंटी हैं। इनमें अलार्म, एप से जुडऩे, प्रीपेड व्यवस्था भी है। प्री पेड व्यवस्था इंदौर स्थित मप्रपक्षेविविकं जब चाहे तब प्रारंभ कर सकती है। हांलाकि इस व्यवस्था को प्रारंभ करने से पहले सरकार से मंजूर करवाना होगा।
बेहतर स्थिति बनी स्मार्ट मीटर से बिलिंग व्यवस्था, संतुलित खर्च एवं वसूली बेहतर होने की स्थिति बनी है। यह काम जारी हैं, स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी रोकने पर भी काफी हद तक सफलता मिली है। अब स्मार्ट मीटर एप पर हम अनुमानित बिल की जानकारी भी देंगे।-विकास नरवाल, एमडी मप्रपक्षेविविकं इंदौर