इस योजना की शुरुआत लसूडिय़ा थाने से हो रही है। थाना परिसर में स्वागत कक्ष तैयार किया जा रहा है। थाने में आने वाला पीडि़त सबसे पहले इसी कक्ष में पहुंचेगा। यहां स्टाफ उसकी परेशानी सुनने के साथ बताएगा कि शिकायत पर क्या कार्रवाई की जाना है। उसे संबंधित अधिकारी के पास भेजा जाएगा। तुरंत केस दर्ज करने की स्थिति है तो फरियादी की मदद की जाएगी। जांच करने वाला मामला बीट अधिकारी को सौंपा जाएगा। योजना शुरू होने से न केवल थानों को लेकर लोगों की धारणा बदलेगी, बल्कि पीडि़तों को परेशान भी नहीं होना होगा। पुलिस की कोशिश है, इस योजना की शुरुआत २५ जून को गृहमंत्री बाला बच्चन से करवाई जाए। इसी के चलते काम जोर-शोर से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने इलाके में लगाने के लिए कई फ्लैक्स बनवाए हैं। इनमें बीट पुलिसकर्मी का नंबर है। लोग मुसीबत के समय सीधे बीट के पुलिसकर्मियों से संपर्क कर सकेंगे।
must read : अव्यवस्था की ‘सीइटी’ : कुलपति के पास फांसी का फंदा और नोटों की माला लेकर पहुंची कांग्रेस स्टाफ के लिए नया हॉल टीआई संतोष दूधी ने एक साल पहले थाने की रंगत सुधारने का काम शुरू किया। पहले जांचकर्ता को कम्प्यूटर नहीं होने से दिक्कत होती थी। अब नए हॉल में वे समय पर काम कर सकेंगे, पीडि़त बैठकर अपनी बात कह सकेगा। पहले भवन में जगह की कमी से अकसर पीडि़त खड़े रहते थे। थाना परिसर में इंटरलॉक टाइल्स के साथ पौधे लगाए जा रहे हैं। थाने के बाहर दोपहिया व चार पहिया गाडिय़ों की पॉर्किंग बनाई जा रही है। थाने के अंदर रंगाई-पुताई व साफ-सफाई की जा रही है। पुराना रिकॉर्ड भी व्यवस्थित किया गया।
must read : स्कूल का कर्मचारी छात्रा के घर जाकर बोला I LOVE YOU, फोटो लेने से मना किया तो… झाडिय़ों से निकले सांप लसूडिय़ा थाने का कायाकल्प पुलिस ने जनसहयोग से कराया। थाने के दोनों तरफ व पीछे बेतरतीब ढंग से गाडिय़ां खड़ी थीं। यहां झाडिय़ां उग आई थीं। टीआई ने झाडिय़ां हटावाना शुरू किया तो सांप निकले। इससे मजूदर डरकर भाग गए। यहां सपेरे को बैठाया जो सांप निकलने पर उन्हें पकड़ता। क्रेन से गाडिय़ों को हटाया गया। जगह साफ होने के बाद इंटरलॉक टाइल्स लगवाईं। अब जगह का उपयोग किया जा सकता है। सीएसपी पंकज दीक्षित की मॉनिटरिंग में काम हुआ। यहां से 150 गाडिय़ां निकलीं, जिनकी नंबर प्लेट नहीं थी उनके इंजन नंबर से जानकारी निकाली गई। करीब 110 गाडिय़ों की जानकारी मिल गई है। अब फरियादी से संपर्क किया जा रहा है कि उनकी क्यों जब्त है।