scriptसोया खली निर्यात 18 फीसदी बढ़ा, ईरान सबसे बड़ा खरीदार | Soya berry exports up 18 percent, Iran largest buyer | Patrika News

सोया खली निर्यात 18 फीसदी बढ़ा, ईरान सबसे बड़ा खरीदार

locationइंदौरPublished: Oct 17, 2019 06:20:50 pm

सोया उत्पादन अनुमान घटा

सोया खली निर्यात 18 फीसदी बढ़ा, ईरान सबसे बड़ा खरीदार

सोया खली निर्यात 18 फीसदी बढ़ा, ईरान सबसे बड़ा खरीदार

इंदौर. वैश्विक मांग में आंशिक सुधार के चलते तेल मार्केटिंग वर्ष 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर 2018-19) में देश से सोया खली का निर्यात 18.5 फीसदी की बढ़त के साथ 21.43 लाख टन पर पहुंच गया। इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने ये आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले तेल मार्केटिंग वर्ष में देश से सोया खली का निर्यात 18.07 लाख टन के स्तर पर रहा था। सोपा के आंकड़ों से पता चलता है कि 30 सितंबर 2019 को खत्म तेल मार्केटिंग वर्ष में भारतीय सोया खली के निर्यात में एक चौथाई हिस्सेदारी ईरान की रही। फारस की खाड़ी के इस मुल्क ने इस दौरान भारत से सोया खली की सर्वाधिक 5.17 लाख टन की खेप मंगाई। इस अवधि में अमरीका को लगभग 2.85 लाख टन, बांग्लादेश को 2.17 लाख टन, फ्रांस को करीब दो लाख टन और नेपाल को करीब 1.40 लाख टन भारतीय सोयाखली का निर्यात किया गया।
जानकारों ने बताया कि सोया खली के निर्यात बाजार में भारत की मुख्य प्रतिस्पर्धा पारम्परिक तौर पर अमरीका, ब्राजील और अर्जेन्टीना के साथ होती है। अमरीका, ब्राजील और अर्जेन्टीना की गिनती दुनिया के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादकों के रूप में की जाती है।
सोया खली वह उत्पाद है, जो प्रसंस्करण इकाइयों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचा रह जाता है। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य उत्पादों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।
सोया उत्पादन अनुमान घटाकर 89.94 लाख टन अनुमानित
सोपा ने 2019-20 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में सोया उत्पादन अनुमान घटाकर 89.94 लाख टन रह जाने की सम्भावना व्यक्त की है। गत वर्ष देश में 109.33 लाख टन सोयाबीन उत्पादन हुआ था। सबसे अधिक उत्पादन में गिरावट मध्य प्रदेश में आकी गयी। प्रतिकूल 40.11 लाख टन रहने की आशंका जताई गयी। महाराष्ट्र में उत्पादन 36.29 लाख टन, राजस्थान में 6.56 लाख टन व अन्य 6.4 लाख टन सोयाबीन उत्पादन होने का अनुमान है। उत्पादन कम होने से सोयाबीन का भविष्य मजबूत रहने का अनुमान है। विश्व स्तर पर भी इस वर्ष सोयाबीन उत्पादन में 210 लाख टन की गिरावट आने की आशंका जताई गई जिससे भविष्य भी मजबूत दिखाई दे रहा है। चालू सप्तहा के दौरान मंडियों में सोयाबीन की आवक बढ़कर 2 लाख बोरी तक पहुंच गई। भाव आवक के बढ़ते दबाव से सप्तहान तक मंडियों में 100-200 रुपए घट गए। इस मंदे के साथ भाव नरमी अनुसार 2500-3650 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहे है। प्लांटों की मांग घटने से सोयाबीन की कीमते सप्तहांत में मध्यप्रदेश 3650-3760 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। आवक भी बढ़ेगी जिससे कीमतों में और गिरावट आ सकती है। सेमिनार में व्यापारियों द्वारा आवक के पीक में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव 3400-3500 रुपए प्रति क्विंटल तक नीचे में आने की सम्भावना व्यक्त की गई। है। लेकिन भविष्य में ज्यादा गिरावट नहीं लग रही।
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