दरअसल इंडेानेशिया द्वारा पाम तेल के निर्यात पर भी रोक लगाए जाने और कीमत रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर जा पहुंचने के बाद शिकागो के सोया तेल वायदा में तेजी दर्ज की गई। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड का जुलाई सोया तेल वायदा 0.53 सैंट तेज होकर 85.25 सैंट प्रति पाऊंड के स्तर पर पहुंच गया। सोयाबीन वायदा 0.21 प्रतिशत तेज होकर 16.961/4 डॉलर के स्तर पर जा पहुंचा।
विश्व में पाम तेल के सबसे बड़े निर्यातक, इंडोनेशिया ने अपने निर्यात पर रोक के फैसले का दायरा और बढ़ा दिया है। आसमान छूती मुद्रास्फीति से जूझ रहे इंडोनेशिया ने अब पाम तेल के कच्चे सामानों को भी निर्यात रोक के दायरे में शामिल कर लिया है। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आई तेजी से घरेलू स्तर पर सोया तेल के दाम बढ़े है। सोया तेल प्लांटों की खरीदी में प्रकश 1580, लक्ष्मी 1625, धानुका 1610, एमएस साल्वेक्स 1615, अमृत 1615 व शांति ओवरससे 1625 रुपए में कारोबार हुआ।
भारत पर पड़ेगा असर
दरअसल, भारत हर साल इंडोनेशिया और मलेशिया से 8 मिलियन टन पाम ऑयल आयात करता है है। आज से प्रतिबंध लागू होने पर अब आयात घट जाएगा। इसमें से 70 फीसदी इंडोनेशिया से और 30 फीसदी पाम ऑयल मलेशिया से आता है। इंडोनेशिया के इस फैसले से देश में पहले से मौजूद तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है. भारत में पहले से ही सोयाबीन, सरसों और सूरजमुखी के तेलों की कीमतें ज्यादा हैं। प्रतिबंध के बाद इनकी कीमतें और बढ़ेंगी। बैन लगने से पाम ऑयल के जरिए तैयार होने वाले कॉस्मेटिक, साबुन और शैंपू जैसी रोजमर्रा की चीजें महंगी हो सकती है।