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विशेष कैमरे जो चेहरा देखते ही पहचान लेंगे अपराधी, इन जगह पर होगा उपयोग

locationइंदौरPublished: Jul 10, 2022 07:22:10 pm

Submitted by:

bhupendra singh

आधुनिक तकनीक से लैस सुरक्षा व्यवस्था, विदेश की तर्ज पर देश के विभिन्न स्थानों पर लगेंगे

विशेष कैमरे जो चेहरा देखते ही पहचान लेंगे अपराधी, इन जगह पर होगा उपयोग

विशेष कैमरे जो चेहरा देखते ही पहचान लेंगे अपराधी, इन जगह पर होगा उपयोग

भूपेन्द्र सिंह. इंदौर. विदेशों की तर्ज पर इंदौर समेत रतलाम रेल मंडल के 7 रेलवे स्टेशन अब हाईटेक तकनीक से लैस होने जा रहे हैं। दरअसल, रेल मंत्रालय स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) यानी सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क बिछाने जा रहा है। आधुनिक तकनीक से स्टेशन के चप्पे-चप्पे पर निगाह रखी जाएगी। कैमरे एचडी क्वालिटी के तो होंगे, साथ में ये स्टेशन पर संदिग्धों की पहचान कर अलॉर्म भेजने जैसे कई फंक्शन से भी लैस होंगे।
सुरक्षा से जुड़े विशेष प्रोजेक्ट को सरकार के उपक्रम रेलटेल को क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा गया है। रेलवे स्टेशनों पर वीएसएस के पहले चरण मेंं ए1, बी एवं सी श्रेणी के 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है। जनवरी 2023 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। शेष स्टेशनों का काम फेज-2 में होगा। इंटरनेट प्रोटोकॉल (आइपी) आधारित वीएसएस सिस्टम की जद में प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश/निकास, प्लेटफार्म, फुटओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय आदि को शामिल किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत भारतीय रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली के लिए कार्यों को मंजूरी दी है।
सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

प्रोजेक्ट में सबसे आधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल होगा। यह वीएसएस सिस्टम आइपी बेस्ड सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क होगा। ये कैमरे ऑप्टीकल फाइबर केबल पर काम करेंगे। कैमरों की वीडियो फीडिंग न केवल स्थानीय आरपीएफ पोस्टों, बल्कि मंडल, जोनल स्तर पर सेंट्रलाइज सीसीटीवी कंट्रोल रूम में भी प्रदर्शित की जाएंगी। स्टेशनों पर लगे कैमरे और वीडियो फीड को इन 3 स्तरों पर मॉनिटर किया जाएगा, ताकि स्टेशनों की सुरक्षा पुख्ता हो सके।
एआइ से होगी बदमाशों की निगरानी

सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) काम करेगा। इनेबल वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर और फेस रिकॉगनिशन सॉफ्टवेयर लगाया जाएगा। इससे जाने-पहचाने अपराधियों का स्टेशन परिसरों में एंट्री पर, उनका पता लगाने तथा उसका अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी यानी व्यक्ति, वाहन का रंग, छवि के आधार पर कैमरा पहचान सकेगा। पहले सिस्टम में जानकारी अपलोड की जाएगी। इसके बाद ब्लैक लिस्टेड या चिन्हित चित्र सामने आने पर तुरंत अलॉर्म बजेगा। प्लेटफॉर्म पर दो पैनिक बटन भी होंगे। मुसीबत में बटन का उपयोग कोई भी कर सकेगा। केंद्रीकृत स्थान पर ऑपरेटर, चयनित आरपीएफ थाने और संबंधित सुरक्षा अधिकारी के पंजीकृत मोबाइल फोन पर अलार्म को फॉरवर्ड करेगा।
30 दिन की रिकॉर्डिंग हो सकेगी स्टोर

4 प्रकार के आइपी कैमरे (डॉम टाइप, बुलेट टाइप, पैन टिल्ट ज़ूम टाइप और अल्ट्रा एचडी-4के) लगाए जाएंगे, ताकि रेलवे परिसर के भीतर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित हो सके। इससे रेल सुरक्षा बल अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी। कैमरों से मिलने वाली वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए स्टोर की जा सकेगी। कैमरा, सर्वर, यूपीएस और स्विचों की मॉनिटरिंग के लिए नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) की व्यवस्था भी की गई है, जिसे किसी भी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किसी भी वेब ब्राउजर के माध्यम से देखा जा सकेगा।
ये हैं कैमरे की सुरक्षा के प्रमुख बिंदु

– घुसपैठ का पता लगाना।

– कैमरे से छेड़छाड।
– संदिग्ध चहलकदमी पकड़ना।

– मानव-वाहन का पता लगाना।

– विशेषता के आधार पर व्यक्ति की खोज।
– रंग खोज।

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