बच्चे के जन्म के बाद प्रसूता को मारे चांटे, कहा – इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया
इंदौर. निजी अस्पताल में प्रसूता के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है। परिवार का आरोप है, स्टाफ ने प्रसूता को चांटे मारे, कहा, इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया। लापरवाही से बच्चे की हालत बिगड़ी और दूसरे अस्पताल में मौत हो गई। परिजन ने पुलिस को शिकायत की है।
MUST READ : इंदौर की पहली महिला लोको पायलट अब दौड़ाएंगी ट्रेन, पांच साल के धैर्य का ऐसा मिला इनाम सन्मति नगर निवासी नेहा पति सावन सारड़ा को परिजन गुरुवार सुबह 10.30 बजे राजमोहल्ला के निजी अस्पताल ले गए। परिजन रूपक शर्मा ने बताया, यहां देर तक कोई देखने नहीं आया। दो घंटे बाद 16 इंजेक्शन दिए गए। दर्द बंद नहीं हुआ तो स्टाफ ही डिलेवरी के लिए ले गया। 9 माह से डॉ. वंदना तिवारी से इलाज करा रहे थे, उन्हें बुलाकर सिजेरियन डिलेवरी करने को कहा तो नर्सों ने चांटे मारे और बोलीं, इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया। डिलेवरी के बाद पति को नर्सों ने बताया, बच्चे की धडक़न तो चल रही है, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं दे रहा। उसे दूसरे अस्पताल ले गए, जहां डॉ. जफर पठान ने बताया, डिलेवरी में समय की बर्बादी व लापरवाही से दिक्कत हुई है। बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया। शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
फोन पर डिलेवरी कराने की शिकायत डॉ. तिवारी के खिलाफ दो दिन पहले कुम्हारखाड़ी की मोना चौहान ने भी पुलिस को शिकायत की थी। उनका आरोप है, 6 जुलाई को दर्द उठने पर अस्पताल लाए। नर्सों ने फोन पर डॉक्टर से बात कर इलाज शुरू कर दिया। समय पर डिलेवरी नहीं होने से बच्चे की गर्भ में मौत हो गई।
MUST READ : इंदौर की पहली महिला लोको पायलट अब दौड़ाएंगी ट्रेन, पांच साल के धैर्य का ऐसा मिला इनामअस्पताल में रैफर किया परिजन की सहमति से नॉर्मल डिलेवरी का निर्णय हुआ था। सारी रिपोर्ट नॉर्मल थी। 11 बजे मरीज को भर्ती किया और 2.30 बजे सामान्य डिलेवरी की गई। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. भरत जादम ने जांच के बाद बच्चे को वेंटिलेटर पर रखने के लिए एनआईसीयू वाले अस्पताल में रैफर किया। प्रसूति के दौरान मारपीट व अभद्रता की जानकारी मुझे नहीं है।