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छग का छोटा सा गांव टंटामुक्त, लेकिन इंदौर में विवादमुक्त घर क्यों नहीं

मोहता भवन पर पुण्य कलश तप महोत्सव शुरू, आचार्य रत्नसुंदर ने समाजजन को लिया आड़े हाथ

इंदौरJul 24, 2019 / 02:19 pm

हुसैन अली

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छग का छोटा सा गांव टंटामुक्त, लेकिन इंदौर में विवादमुक्त घर क्यों नहीं

इंदौर. पद्मविभूषण आचार्य रत्नसुंदर सूरीश्वर ने मोहता भवन रेसकोर्स रोड में धर्मसभा में समाजबंधुओं को आड़ेहाथ लेते हुआ कहा, छग के छोटे से गांव में प्रवेश द्वार पर लिखा मिलता है टंटामुक्त गांव। वहां के घरों के आगे भी टंटामुक्त घर लिखा मिलता है, लेकिन क्या इंदौर के एक भी घर के आगे कहीं लिखा है कि यह घर टंटा, अर्थात् विवादमुक्त है। यह हमारे लिए शर्म की बात होना चाहिए।

आचार्यश्री ने 18 दिवसीय पुण्य कलश तप महोत्सव का शुभारंभ किया। आराधकों को पच्चकाण दिलाते हुए कलशों में वासक्षेप रखवाई। ये कलश आराधना में शामिल तपस्वियों को दिए जाएंगे। तप में शामिल हर उम्र के 500 तपस्वी एक दिन उपवास एवं एक दिन ब्यासना इस तरह 18 दिनों की तपस्या करेंगे।

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प्रारंभ में रत्नत्रयी श्रीसंघ की ओर से प्रकाश बडऩगर, विशाल डाकोलिया, मनीष सुराणा, नरेश भंडारी, विजय मेहता आदि ने आचार्यश्री एवं साधु-साध्वी की अगवानी की। चातुर्मास आयोजन समिति के कल्पक गांधी एवं यशवंत जैन ने बताया, पुण्य कलश तप आराधना सुबह 7.30 बजे से प्रारंभ होगी।

सभी गुणों का मूल विनय

आचार्यश्री रत्नसुंदर ने धर्मसभा में कहा, सभी गुणों का मूल विनय है। सुखी बनने के लिए हमें संसाधन बढ़ाना होते हैं। अमीर बनने के लिए बिजनेस के पीछे भागना पड़ता है। सुरक्षा और सुविधा का आकर्षण वाला कभी परमात्मा को नहीं पा सकता। बादल हटते ही जैसे सूर्य का प्रकाश धरती पर आ जाता है वैसे ही हमारी आत्मा पर पड़ा कर्मों का आवरण हटते ही आत्मा के सारे गुण स्वत: प्रकट हो जाते हैं।

संयम का पालन शूरवीरों का काम

तिलकनगर स्थित श्री तिलकेश्वर पाश्र्वनाथ जैन मंदिर में राजरत्न विजय महाराज ने मंगलवार को प्रवचन में कहा कि संयम परमात्मा तक पहुंचने का मार्ग है। इस पर चलना शूरवीरों का काम है। मनुष्य में बहुत ताकत होती है लेकिन वह इंद्रियों और मन का नौकर बना हुआ है। मनुष्य को जीवन के बारे में सोचना चाहिए। मंदिर ट्रस्ट के कैलाश सालेचा ने बताया महाराजश्री के प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे तक हो रहे हैं।

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अपनी गलती खुद ढूंढों और सुधारो

हृींकारगिरी में चातुर्मास कर रहे श्रीकृष्णगिरि शक्ति पीठाधिपति डॉ. वसंतविजय का आशीर्वाद लेने गायक दलेर मेहंदी परिवार सहित पहुंचे। यहां उनका विजय कोठारी, अनिल लुणावत आदि ने स्वागत किया। श्री नगीनभाई कोठारी चैरिटेबल ट्रस्ट ह्रींकारगिरि के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मास में मुनिश्री ने कहा, प्राणी को अपनी गलती स्वयं सुधारना चाहिए। हर कार्य, व्यवहार और साधना में सावधानी बरतनी चाहिए। जीवन में लापरवाह रहने और भोग विलास में बने रहने से कर्म बंधन बंधते हैं।

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