davv : डीएवीवी : अप्रैल में भेजे जाएंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से जुड़े प्रस्ताव
इंदौर. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) को इस बार ए प्लस ग्रेड दिलाने को लेकर चल रही कवायद में लगातार नए-नए निर्देश दिए जा रहे हैं। शनिवार को भी यूनिवर्सिटी के 15 विभागों से जुड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रस्तावों को लेकर चर्चा हुई। सभी विभागों को तीन सप्ताह में प्रस्ताव अपडेट करने की हिदायत की गई है। इन प्रस्तावों की समीक्षा करने के बाद अप्रैल में इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इसी बीच विवि के विस्तार को लेकर अतिरिक्त अनुदान जुटाने के भी प्रयास जारी हैं। नैक ग्रेड और एनआइआरएफ रैंकिंग सुधारने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 12 सदस्यों की समिति बनाई है। इन प्रस्ताव के जरिए विश्वविद्यालय करीब 30 करोड़ का अनुदान जुटाने में लगी है। सूत्रों के मुताबिक कुछ प्रस्तावों को मिलकर एक बनाया जाएगा, जिसमें फिजिक्स, कैमेस्ट्री, इंजीनियरिंग विभाग को काम करना है। अनुदान की राशि से विभाग के विस्तार को लेकर रूपरेखा बनाई जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक एक्सीलेंस का दर्जा मिलने के बाद विभागों को नए विषयों में शोध करना होगा। कुलपति डॉ. रेणु जैन के मुताबिक प्रस्ताव तैयार होने के बाद समिति के सामने रखे जाएंगे। समीक्षा होने पर प्रस्ताव में बदलाव भी किया जा सकता है। अप्रैल तक इन्हें दोबारा उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।
इंदौर. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) को इस बार ए प्लस ग्रेड दिलाने को लेकर चल रही कवायद में लगातार नए-नए निर्देश दिए जा रहे हैं। शनिवार को भी यूनिवर्सिटी के 15 विभागों से जुड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रस्तावों को लेकर चर्चा हुई। सभी विभागों को तीन सप्ताह में प्रस्ताव अपडेट करने की हिदायत की गई है। इन प्रस्तावों की समीक्षा करने के बाद अप्रैल में इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इसी बीच विवि के विस्तार को लेकर अतिरिक्त अनुदान जुटाने के भी प्रयास जारी हैं। नैक ग्रेड और एनआइआरएफ रैंकिंग सुधारने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 12 सदस्यों की समिति बनाई है। इन प्रस्ताव के जरिए विश्वविद्यालय करीब 30 करोड़ का अनुदान जुटाने में लगी है। सूत्रों के मुताबिक कुछ प्रस्तावों को मिलकर एक बनाया जाएगा, जिसमें फिजिक्स, कैमेस्ट्री, इंजीनियरिंग विभाग को काम करना है। अनुदान की राशि से विभाग के विस्तार को लेकर रूपरेखा बनाई जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक एक्सीलेंस का दर्जा मिलने के बाद विभागों को नए विषयों में शोध करना होगा। कुलपति डॉ. रेणु जैन के मुताबिक प्रस्ताव तैयार होने के बाद समिति के सामने रखे जाएंगे। समीक्षा होने पर प्रस्ताव में बदलाव भी किया जा सकता है। अप्रैल तक इन्हें दोबारा उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।