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प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने इंदौरी नेताओं को सुनाई खरी-खरी, बोले – बूथ तो जिता नहीं पाए आ गए बॉयोडाटा लेकर

वर्ष 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड लेकर आने के साथ बताओ कितने वोट से हारे-जीते और क्यों?

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इंदौर

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Reena Sharma

Jun 09, 2019

indore

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने इंदौरी नेताओं को सुनाई खरी-खरी, बोले - बूथ तो जिता नहीं पाए और आ गए बॉयोडाटा लेकर

इंदौर. लोकसभा चुनाव में अपने बूथ पर कांग्रेस को जीता नहीं पाए और अब पद पाने के लिए बॉयोडाटा लेकर आ गए हो। पहले यह बताओ अपने बूथ पर कितने वोटों से कांग्रेस को जिताया है। वर्ष 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड लेकर आने के साथ बताओ कितने वोट से हारे-जीते और क्यों? तुम लोग समाज के बड़े-बड़े नेता बनते हो तो बताओ तुम्हारे समाज से कितने वोट कांग्रेस को मिले हैं।

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कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने इंदौरी नेताओं को यह खरी-खरी बात शनिवार को उस समय सुनाई जब वे भोपाल में वीआईपी गेस्ट हाउस में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर समीक्षा कर रहे थे। कांग्रेसियों के अनुसार कोर कमेटी की बैठक होने के बाद प्रभारी बाबरिया ने रात १० बजे के बाद मालवा-निमाड़ लोकसभा सीट पर हार-जीत की समीक्षा शुरू की। इस दौरान उन्हें प्रदेश के सह प्रभारी संजय कपूर ने एक रिपोर्ट सौंपी जो कि उन्होंने पिछले दिनों इंदौर आकर कांग्रेस की हार का कारण पता करने के लिए इंदौर, धार-महू, झाबुआ-रतलाम, खंडवा, खरगोन, देवास, उज्जैन और मंदसौर-नीमच सीट से प्रत्याशी सहित अन्य नेताओं से चर्चा करने के बाद बनाई थी।

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मालवा-निमाड़ सीट पर हार की समीक्षा को लेकर प्रभारी बाबरिया चर्चा कर रहे थे तभी इंदौरी कांग्रेस नेता उनसे मिलने पहुंचे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद संगठन स्तर पर फेरबदल की सुगबुगाहट के चलेत इंदौरी कांग्रेस नेता अच्छे पद पाने की आस में अपने साथ बॉयोडाटा भी ले गए। मुलाकात के दौरान इन नेताओं ने जैसे ही प्रभारी बाबारिया को बॉयोडाटा दिया तो वे नाराज हो गए और नेताओं को आड़े हाथ लेकर खूब खरी-खरी सुनाई।

उनका कहना था कि समाज के साथ पार्टी के बड़े-बड़े नेता बनकर घूमते रहते हो, लेकिन अपने क्षेत्र के बूथ तक नहीं जिता पाए और आ गए पद मांगने के लिए। उन्होंने लोकसभा चुनाव में बूथ पर हार-जीत का रिकॉर्ड मांगने के साथ पार्टी के लिए अब तक क्या काम किया? इसको लेकर सवाल-जवाब अलग कर लिए। पद पाने के लिए बॉयोडाटा लेकर पहुंचे नेता बाबरिया की नाराजगी देखकर बगले झांकने लगे। साथ ही नेताओं ने अपना बॉयोडाटा घड़ी करके वापस जेब में रख लिया और नमस्ते करके निकल गए। कांग्रेसियों के अनुसार प्रभारी बाबरिया ने रात २ बजे तक समीक्षा की। इस दौरान सह प्रभारी कपूर ने लोकसभावार रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि किस नेता क्या कहा है? नामजद बताया गया कि कौन किसके बारे में क्या सोच रखता और हार का क्या कारण बताया है? अब इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस नेताओं का भविष्य तय करेगी।

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सिंधिया ने दिखाई ताकत

मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ की मौजूदगी में यह बैठक हुई। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, प्रभारी बाबरिया, सह प्रभारी कपूर, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बाला बच्चन, जीतू पटवारी, रामनिवास रावत और सुरेंद्र सिंह चौधरी आदि मौजूद थे। कांग्रेसियों की मानें तो कोर कमेटी में शामिल होने के लिए पहुंचे सिंधिया ने अपनी ताकत दिखाई, क्योंकि वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं।

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बैठक में लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा करने के साथ राज्यसभा में किस नेता को भेजा जाए, अपेक्स बैंक का चेयरमैन कौन होगा, बिजली के मामले में सरकार की प्रति जनता की नाराजगी कैसे दूर की जाए, विधायकों के बर्ताव में परिवर्तन कैसे लाएं और कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होने की शिकायतों का निपटान कैसे हों आदि सहित अन्य कई मु²ों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद सिंधिया ने सीएम हाउस में नाथ से काफी देर तक चर्चा की। इसके क्या मायने हैं? यह पता करने में कांग्रेसी लगे हैं।