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PATRIKA STING : पुलिस की कमाई का जरिया बन गई क्रेन, ये करतूत आई सामने – VIDEO :

locationइंदौरPublished: Jun 20, 2019 05:00:08 pm

एसएसपी कार्यालय के पास या हो संभागायुक्त कार्यालय परिसर, पुलिसकर्मियों का वसूली अभियान रहता जारी

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PATRIKA STING : पुलिस की कमाई का जरिया बन गई क्रेन, ये करतूत आई सामने – VIDEO :

भूपेन्द्र सिंह@इंदौर.शहर में पुलिस विभाग द्वारा नो पार्किंग में खड़ी गाडि़यों पर कार्रवाई करने के लिए चलाई जानी वाली क्रेन अब वसूलीबाज पुलिसकर्मियों की कमाई का जरिया बन गई है। क्रेन पर तैनात पुलिसकर्मी और निजी कर्मचारी गाडि़यां छोडऩे के एवज में वाहन चालकों से वसूली करते हैं। कई दिनों तक लगातार निगरानी के बाद पुलिसकर्मियों की करतूत से पर्दा उठाती पत्रिका एक्सपोज की खास रिपोर्ट…
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नो पार्किंग में खड़े दो और चार पहिया वाहनों पर कार्रवाई के लिए दिनभर पुलिस विभाग की क्रेन सडक़ों पर दौड़ती है। नो-पार्किंग में खड़ी गाड़ी का मालिक मौके पर मिल जाता है तो उससे स्पॉट पर ही चालान बनाने का नियम है, नहीं तो गाड़ी को जब्त कर ट्रैफिक थाने लाया जाता है। क्रेन पर तैनात पुलिसकर्मियों ने इसे वसूली का जरिया बना रखा है। कुछ वाहन की रसीद दी जाती है लेकिन कई वाहन चालकों से दंड राशि तो वसूल ली जाती है लेकिन उसकी रसीद नहीं दी जाती। खुलेआम हो रही इस अवैध वसूली पर वरिष्ठ अधिकारियों का भी ध्यान नहीं है।
स्टिंग – 1

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आरएनटी मार्ग स्थित एक मॉल के पास

बिना रसीद दिए 300 रुपए में मामला निपटाया

आरएनटी मार्ग पर फुटपाथ किनारे नो-पार्किंग में खड़ी कारों में पुलिसकर्मी जितेंद्र वहां मौजूद क्रेन कर्मचारियों से लॉक लगवाकर, कार के कांच पर संपर्क करने के लिए अपना नाम और नंबर लिखा हुआ कागज चिपकवा रहा था। तभी एक कार मालिक क्रेन में बैठे हेड कांस्टेबल जितेंद्र के पास पहुंचा। जितेंद्र ने उसे 500 रुपए का चालान बनाने की बात कही लेकिन बाद में 300 रुपए लेकर बगैर रसीद के ही मामला निपटाकर लॉक खुलवा दिए।
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रिपोर्टर : कितने की रसीद काटी
कार मालिक : अरे 200-300 रुपए लेगा और छोड़ देगा गाड़ी, रसीद मत लेना बिना रसीद के ही काम कर लो तुम तो
रिपोर्टर : आपकी की कार कितने रुपए में छोड़़ी
कार मालिक : 300 रुपए में
रिपोर्टर : यूं कितने मांग रहे थे।
कार मालिक : यूं तो 500 रुपए मांग रहा था उसकी रसीद काट के देगा।
रिपोर्टर : और 300 रुपए में
कार मालिक : 300 रुपए में कुछ नहीं
रिपोर्टर : आपको 300 रुपए की रसीद नहीं दी।
कार मालिक : नहीं दी रसीद, अब कौन बहस करें।
रिपोर्टर : लॉक लगा दिया था क्या आपकी गाड़ी में
कार मालिक : हां सबकी ही गाड़ी में लॉक लगा रहे है वो तो।
कार मालिक से रिपोर्टर की बातचीत के अंश

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स्टिंग – 2

कमिश्नर कार्यालय परिसर

100 की रसीद, 50 में सौदा तय
संभागायुक्त कार्यालय परिसर में पहुंची क्रेन के कर्मचारी पुलिसकर्मी प्रभाशंकर की मौजूदगी में बड़ी संख्या में बिना रसीद काटे पैसा लेकर दो पहिया गाड़ी छोड़ रहे थे। एक वाहन चालक अपनी गाड़ी ले जाने लगा तो कर्मचारी ने उसे 100 रु. भरने की बात कही, बिना रसीद सौदा 50 रु. में तय हुआ।
रिपोर्टर : क्यों दादा कितने पैसे ले लिए
वाहन चालक : पचास रुपए
रिपोर्टर : रसीद दी की नहीं
वाहन चालक : नहीं दी
रिपोर्टर : पहले कितने रुपए बोले थे
वाहन चालक : 600 रुपए
रिपोर्टर : फिर बिना रसीद के पचास रू. दे दिए
वाहन चालक : क्या करें बच्चा था साथ में है।
(इसी तरह एक अन्य वाहन चालक से भी बिना रसीद 100 रूपया ले लिया गया )
रिपोर्टर : कितने पैसे लग गए
वाहन चालक : 100 रूपए
रिपोर्टर : रसीद दी की नहीं
वाहन चालक : नहीं दी
(नोट- स्टिंग की वीडियो पत्रिका के पास सुरक्षित है।)

एसएसपी कार्यालय के पास ही चल रहा खेल

एसएसपी कार्यालय के पास क्रेन आरएनटी मार्ग पर बनी व्यवसायिक मल्टियों के बाहर नो पार्किंग में खड़ी चार और दो पहिया वाहनों पर कार्रवाई के लिए हर थोड़ी देर में आती है। चार पहिया वाहनों को कर्मचारी लॉक कर देते हैं। उसके ऊपर पुलिसकर्मी के नाम और नंबर लिखा कागज चिपका जाते हैं। जो वाहन चालक मौके पर मिल जाते है तो उन्हें पहले ज्यादा दंड का चालान बनाने का डर बताया जाता है, बाद में कम पैसा लेकर बिना रसीद गाड़ी छोड़ दी जाती है। चंद कदमों की दूरी पर पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी बैठते हैं लेकिन वसूलीबाजों को किसी का डर नहीं है।
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संभागायुक्त कार्यालय परिसर में भी वसूली

पुलिसकर्मी और क्रेन कर्मचारी के हौसले इतने बुलंद है कि वे संभागायुक्त कार्यालय परिसर में भी लेनदेन करने से नहीं चूकते हैं। एमटीएच कंपाउंड स्थित ट्रैफिक थाने से अलग-अलग क्षेत्रों में क्रेन पहुंचती है। क्रेन संभागायुक्त कार्यालय के अंदर तक आकर हर थोड़ी-थोड़ी देर में दो पहिया वाहनों को उठाती है। परिसर में बने जिला कोर्ट गेट के बाहर खड़ी गाडि़यों को उठाकर थाने लाया जाता है लेकिन जो वाहन चालक मौके पर मिल जाते हैं उनसे वहीं बिना रसीद पैसा लिया जाता है।
बड़े अधिकारी कर रहे अनदेखी

क्रेन पर तैनाती पाने के लिए पुलिसकर्मियों में होड़ लगी रहती है क्योंकि दिनभर में मोटी रकम कमाई जा सकती है। पुलिसकर्मी और क्रेन के कर्मचारी वाहन चालकों से खुले रूप से वसूली कर रहे हैं लेकिन इस ओर पुलिस के बड़े अधिकारियों का ध्यान नहीं है। जब कि जहां पुलिस के आला अफसर बैठते है उनके आसपास ही पुलिसिया वसूली का खेल चल रहा है। अनदेखी के चलते पुलिसवालों को हौंसले बुलंद हो रहे है।
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पहुंचा रहे राजस्व का नुकसान

पुलिस विभाग के पास आय के कोई खास स्त्रोत नहीं है। चालानी कार्रवाई ही एक मात्र स्त्रोत है। चालान से मिलने वाला पैसा ही पुलिस को राजस्व के रूप में मिलता है लेकिन कुछ पुलिसकर्मी उसमें भी सेंध लगा रहे है। बिना रसीद पैसा लेकर गाड़ी छोडऩे से पुलिस को राजस्व का भी नुकसान होता है। वहीं दूसरी ओर इस तरह की वसूली से सीधे तौर पर लोगों में भ्रष्टाचार की आदत बढ़ रही है।
-पुलिसकर्मियों को प्रत्येक चालानी कार्रवाई का हिसाब देना होता है। किसी भी वाहन चालक से बगैर चालान रसीद के रुपए लेकर वाहन छोडऩा गलत हैं। इस मामले में जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अवधेश गोस्वामी, एसपी हेडक्वाटर्स
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